स्वास्थ्य

आक्रोश: आंदोलन की राह पर हिमाचल के डॉक्टर्स

लगेंगे काले बिल्ले

 हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ की बैठक डॉ राजेश राणा अध्यक्षहिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ की अध्यक्षता में 14 जनवरी कोआयोजित की गई इस बैठक में सभी जिला के अध्यक्ष महासचिव केंद्रीयकार्यकारिणी समिति के सदस्य एवं रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशंस केप्रतिनिधि मौजूद रहे

   मुख्यमंत्री महोदय ने 3 जून को हिमाचल प्रदेश चिकित्साअधिकारी संघ की संयुक्त संघर्ष समिति को आश्वासन दिया था कि भविष्यमें चिकित्सकों की नियुक्ति के समय एनपीए को पुनः संलग्न कर दिया जाएगा लेकिन धरातल पर विषेषज्ञ  चिकित्सकों की नियुक्ति में इसे नहींजोड़ा गया है आज की तारीख में हिमाचल में अनुबंध पर नियुक्त विशेषज्ञचिकित्सकों को 33660 रुपए वेतन के रुप में देय जोकि पूरे भारतवर्ष मेंसबसे कम है और साथ ही एक बहुत ही दुखद विषय भी  है माननीयमुख्यमंत्री महोदय ने 3 जून को एड्स कंट्रोल सोसाइटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टरका भार भी पुणे स्वास्थ्य निदेशक को लौटने की बात कही थी साथ हीमेडिकल कॉलेज में प्रधानाचार्य और वरिष्ठ स्वास्थ्य अधीक्षक की शक्तियोंको भी संशोधन के साथ लौट के लिए सहमति जताई थी माननीय मुख्यमंत्रीमहोदय के वचनों का 7 महीने  बीत जाने के बाद भी पालन होने परचिकित्सा समुदाय में रोष है स्वास्थ्य विभाग में लगभग डेट वर्षों से खंडचिकित्सा अधिकारी जिला चिकित्सा अधिकारी डिप्टी डायरेक्टर्स के पदों परपदोन्नति नहीं हुई है इस संदर्भ में उन्हें केंद्रीय सरकार की तर्ज पर डायनेमिककरियर प्रोग्रेशन स्कीम के तहत लाभ प्रदान किए जाएं हिमाचल प्रदेश मेंचिकित्सक दुर्गम क्षेत्रों में भी दिनरात अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और उन्हें केंद्रीय सरकार या बिहार जैसे अन्य राज्यों की अपेक्षा में बहुत ही कमवेतन दिया जा रहा है और उनके बाद एनपीए को पेंशन की गणना से हटानाभी एक दुर्भाग्यपूर्ण विषय है

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                मुख्यमंत्री महोदय से संघ का आग्रह है की जो पहले सेचिकित्सकों को से मिलता रहा है उसे यथावत पुनः प्रदान किया जाएमुख्यमंत्री महोदय के वचनों का धरातल पर कार्यवाहित होने के चलते चलहिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ 18 जनवरी से काले बिल्ले लगाकर अपना रोष प्रकट करेगा और आगे की रणनीति अग्रिम  बैठकों के अनुसारतय की जाएगी

Deepika Sharma

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