विशेषस्वास्थ्य

बड़ा सवाल: हिमाचल की सरकारी लैब को मज़बूती क्यों नहीं?

मरीज़ों के नहीं हो पा रहे समय पर टेस्ट

हिमाचल प्रदेश के अस्पतालों में मेडिकल टेस्ट का काम देख रही करसना लैब की हड़ताल के कारण अब प्रदेश की सरकारी लैब्स को मजबूती प्रदान करने की मांग उठाने लगी है।

ऑल इंडिया लैब टैक्नोलॉजिस्ट हिमाचल प्रदेश एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष राजन भीमटा, महासचिव यशवंत व अन्य सदस्यों ने मांग उठार् है कि निजी लैब्स पर निर्भर रहने की बजाए सरकार हिमाचल की सरकारी लैब्स को मजबूती प्रदान करे। प्रदेश के आईजीएमसी, टांडा मेडिकल कॉलेज के अलावा सभी मेडिकल कॉलेज के साथ सिविल अस्पतालों में सरकारी लैब्स को मजबूती प्रदान की जानी चाहिए। इनमें आधुनिक सुविधाओं को बढ़ाया जाना चाहिए।

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इससे जहां सरकार की निजी लैब पर निर्भरता कम होगी, तो वहीं दूसरी ओर मरीज़ो का मेडिकल टेस्ट भी कम पैसे में होंगे। इससे मरीज़ो को भी लाभ मिलेगा। इसके अलावा प्रदेश के मेडिकल कॉलेज लैब टैक्निशियन की पढ़ाई करने वाले युवाओं को भी रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकारी लैब में योग्य और उचित प्रशिक्षण प्राप्त लैब टेक्निशयन है। यह लैब टैक्निशियन निजी लैब टैक्निशियनों से कहीं ज्यादा भरोसेमंद है।

ऐसे में सरकार को निजी लैब पर निर्भर रहने की बजाए सरकारी लैब्स को मजबूत करना चाहिए। हाल ही में प्रदेशभर में हुई करसना लैब की हड़ताल के कारण प्रदेश के हजारों मरीज़ो को परेशानियों का सामना करना पड़ा। निजी लैब्स में हजारों रुपए खर्च कर मरीज़ो को मेडिकल टैस्ट भी करवाने पड़े। इसके लिए सरकार को करसना लैब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी करनी चाहिए।

Deepika Sharma

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