
भाग एक
शिमला के एक नामी सरकारी कॉलेज में एनसीसी के तहत छात्रों को मिलने वाले ड्रेस अलाउंस में गड़बड़ी की आशंका की शिकायत उच्च शिक्षा विभाग पहुँची है। शिकायत ये मिली है की एनसीसी के तहत छात्रों को जो ड्रेस अलाउंस दिया जाता है वह लगभग तीस छात्रो को नहीं मिला है। बल्कि शिकायत में ये कहा गया है कि प्रति छात्र को लगभग 3800 रुपय की राशि देय होनी थी। शिकायत में संबंधित कॉलेज के बीते कुछ वर्षों में एनसीसी के तहत बजट आबंटन की भी जाँच के लिए भी कहा है।ये भी जाँच के लिये कहा गया है कि ड्रेस अलाउंस के एक फॉर्म पर भी कुछ छात्रो के हस्ताक्षर करवाये गये है। फ़िलहाल इसका सच जाँच के बाद ही मालूम होगा कि ड्रेस अलाउंस का पैसा क्यों नहीं आया और आख़िर किस फॉर्म पर छात्रो के हस्ताक्षर करवाये गये है?
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ये उठे है सवाल
1 . दो वर्ष हो गए पर ये अलाउंस क्यों नहीं मिला?
2. छात्रो को कॉलेज में तीन वर्षों के लिये क्या वर्दी का एक सेट ही देय था?
3. छात्र अपने खर्चे से जूते क्यों ख़रीदते है?
5. सिलाई कम क्यों दी गई?
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बस एक बार एक सेट मिली वर्दी,सिलाई के पैसे भी पूरे नहीं दिये
बताया जा रहा है कि प्रति छात्र को बस एक बार ड्रेस दी गई और उसकी सिलाई के पैसे भी पूरे नहीं मिल पाय है।प्रति छात्र को 250 से 300 रुपये हाथ में पकड़ा लिए गये। और जूते भी छात्रों ने अपने पैसो से ख़रीदे
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क्या कहते है उच्च शिक्षा निदेशक
उच्च शिक्षा निदेशक डॉक्टर अमरजीत का कहना है कि एनसीसी ड्रेस अलानस को लेकर शिकायत मिली है जाँच की जाएगी।


