EXCLUSIVE: हिमाचल में बच्चों के रैस्क्यू ऑपरेशन को झटका
कई ज़िलों में CWC का कार्यकाल हो रहा है ख़त्म

हिमाचल में बच्चों के रैस्क्यू के बाद उन्हें अपने परिजनों को सुपुर्द करने को लेकर एक बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। जानकारी मिली है कि हिमाचल के सभी ज़िलों में CWC यानी कि child welfare council में तय सदस्य का कार्यकाल ख़त्म होने जा रहा है कई जगह ये ख़त्म भी हो गया है ।
अब दिक़्क़त ये यहाँ खड़ी हो रही है कि जब बच्चे का रैस्क्यू किया जाता है और यदि उसे उसके माता पिता के सपुर्द किया जाय तो नियम के मुताबिक़ फाइल पर JJ एक्ट के तहत CWC के 3 सदस्यों के हस्ताक्षर होने ज़रूरी रहते है
लेकिन हिमाचल के कई ज़िलों में तो CWC के सभी सदस्यों का कार्यकाल समाप्त ही हो गया है।
अब ऐसी परेशानी हिमाचल के कई ज़िलों में देखने में आ रही है बच्चों का रैस्क्यू तो कर दिया जाता है, बच्चों के संरक्षण के लिए उसे रैस्क्यू सेंटर में भी रख दिया जाए लेकिन यदि उनके खोजे गए माता पिता को उन्हें सौंपा जाए तो इसमें काफ़ी अड़ंगा खड़ा होने लग पड़ा है यदि सरकार ने समय रहते इनकी भर्तियां जल्द ही नहीं की
तो वो हिमाचल में बाल संरक्षण की गति ढीली पड़ सकती है। क्योंकि हिमाचल में बाल संरक्षण का कार्यक्रम में काफ़ी गंभीरता से ही चलता है ऐसे में यदि नियम के तहत सीडब्लूसी में सदस्यों की सदस्यता ही पूरी नहीं होगी तो ये सवाल बच्चों के संरक्षण पर खड़ा होना लाज़मी है।
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कई बार बच्चे भाग आते है हिमाचल
कई बार अन्य राज्यों से बच्चे हिमाचल में पकड़े जाते हैं कई बार ये बालिक होते हैं और कई बार नाबालिक लेकिन जब इनके माता पिता को सौंपा जाता है तो इसमें दिक्कतें खड़ी होने लग पड़ी है।बच्चों के भाग कर आने के कई कारण होते है। जिसमे उनका रैस्क्यू किया जाता है।
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ऐसे होती है परेशानी
हिमाचल के एक ज़िले में नेपाली मूल के दो बच्चों का रेसक्सू किया गया।जिसमें नेपाल से दो बच्चे भागकर हिमाचल आ गए थे लेकिन जब पुलिस द्वारा उसी दिन उनके अभिभावकों को ढूँढ़ा गया तो बच्चों को समय पर उनके अभिभावकों तक सुपुर्द नहीं किया जा सका। क्योंकि CWC में तय सदस्यों का कार्यकाल ख़त्म हो चुका था।जेजे एक्ट में काफ़ी माथापच्ची के बाद बच्चों के अभिभावकों के सपुर्द किया जा सकता ।



