डॉ. राजेश शर्मा बने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के नए चेयरमैन, शिक्षकों ने जताई खुशी
लंबे समय के बाद मिली स्थायी नियुक्ति, शिक्षा बोर्ड को मिलेगा स्थिर नेतृत्व

डॉ. राजेश शर्मा बने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के नए चेयरमैन, शिक्षकों ने जताई खुशी
हिमाचल प्रदेश सरकार ने कांगड़ा के डॉ. राजेश शर्मा को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, धर्मशाला का स्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया है। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से शनिवार को अधिसूचना जारी की गई। लंबे समय से बोर्ड अध्यक्ष का पद स्थायी रूप से खाली चल रहा था और इसका अतिरिक्त कार्यभार कांगड़ा के जिलाधीश को सौंपा गया था।
डॉ. शर्मा की नियुक्ति पर ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टीचर ऑर्गेनाइजेशन (AIFTO) ने हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी है। फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अश्विनी कुमार, सेक्रेटरी जनरल सी. एल. रोज, मुख्य प्रेस सचिव प्रेम शर्मा, सलाहकार राजेन्द्र खशिया, उप सचिव रजनीश राणा और डॉ. निशा ने आज जारी एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि बोर्ड अध्यक्ष की स्थायी नियुक्ति से शिक्षा क्षेत्र में लम्बे समय से लंबित कई अहम मामलों का समाधान हो सकेगा।
डॉ. अश्विनी कुमार ने कहा कि पाठ्यक्रम, बोर्ड परीक्षाओं के संचालन और मूल्यांकन प्रक्रिया सहित कई मुद्दे ऐसे हैं, जिनके समाधान के लिए बोर्ड में एक स्थायी नेतृत्व आवश्यक था। उन्होंने उम्मीद जताई कि डॉ. राजेश शर्मा के कुशल नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड एक नई दिशा में कार्य करेगा और विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा शिक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं को मजबूती से सुलझाएगा।
फेडरेशन ने मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और शिक्षा मंत्री श्री रोहित ठाकुर का आभार प्रकट किया है, जिन्होंने समय पर स्थायी नियुक्ति करके शिक्षा क्षेत्र की अपेक्षाओं को बल दिया।
इसी कड़ी में राजकीय सी० एंड वी० अध्यापक संघ ने भी सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष शेर सिंह ने डॉ. राजेश शर्मा को हार्दिक बधाई देते हुए विश्वास जताया कि नई ताजपोशी के साथ पिछले दो-तीन वर्षों से शिक्षकों से जुड़ी समस्याएं भी शीघ्र हल होंगी। उन्होंने सरकार का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया कि शिक्षा बोर्ड को स्थायी अध्यक्ष प्रदान किया गया।
शिक्षकों और संगठनों ने एक स्वर में आशा जताई है कि यह नियुक्ति प्रदेश में स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत होगी।


