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न्यायालय में अभी भी 3 गुट HGTU की दावेदारी में आमने-सामने: कैलाश ठाकुर

उठाए कई सवाल

 

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की वर्चुअल बैठक 11.10.2023 को सांय अध्यक्ष कैलाश ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में संरक्षक अजित चौहान, महासचिव श्याम लाल हांडा, वित्त सचिव देव राज ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमल राज अत्रि, उपाध्यक्ष जयदर्शन शर्मा, प्रैस सचिव जीत राम, मुख्य संगठन सचिव निर्मल सिंह, संगठन सचिव तेज राम, अशोक रेटका, पंकज शर्मा, सहायक वित्त सचिव सुरेश भारद्वाज, कुलदीप शर्मा अध्यक्ष (एन पी एस विंग ) अतिरिक्त मुख्यालय सचिव नरेंदर, सहायक सचिव अजय कुमार, लेखा परिक्षक संदीप ठाकुर, शकत चौहान, सुरेश सोनी, जिला सिरमौर अध्यक्ष राजीव ठाकुर, जिला शिमला अध्यक्ष महावीर कैंथला, जिला हमीरपुर अध्यक्ष सुनील शर्मा, जिला काँगड़ा अध्यक्ष नरदेव सिंह, जिला कुल्लू महासचिव संदीप मित्तल, भौम प्रकाश, नरेंदर वर्मा, सुरेंदर वर्मा, सोहन लाल, दीक्षित शर्मा, इन्दर ठाकुर, रणजीत शर्मा, सहित लगभग 60 पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक की कार्य सूची का शीर्षक था पोल खोल।

इस बैठक में एक स्वयं भू नेता जो अपने आप को HGTU मानता है और जिसके अनुसार खंड व जिला प्रधान उसी की पसंद के और राज्य प्रधान वह स्वयं के सिद्धांत पर अपने तरीके से अपने लोगों का एक चुनाव मण्डल बना कर कुछ खंड व जिलों के चुनावों का दिखावा कर राज्य चुनावों का कार्यक्रम 15 अक्टूबर को निर्धारित किया है। कैलाश का कहना है कि 

 न्यायालय में अभी भी 3 गुट HGTU की दावेदारी में आमने-सामने हैं। बैठक में अध्यापकों को आगाह किया गया है कि वे इन टी आर पी प्रिय व अध्यापकों से एकत्रित सदस्य्ता शुल्क व अन्य माध्यम से प्राप्त पैसों के दुरूपयोग करने वालों से दुरी बनाए रखें।

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बैठक में अध्यापकों को सचेत किया गया कि जब भी  किसी भी अध्यापक को फ़ोन किया जाय तो वे अवश्य पूछें कि रिवाइज्ड पे स्केल व 4-9-14 को लेकर 300 रूपए का चंदा लेकर माननीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में दर्ज मुक़दमों (ओ ए न. 1126/2015 व 1126/2015)के साथ-साथ कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स के द्वारा प्रति अध्यापक 2000 रूपए की राशि दे कर जो मुक़दमा दायर किया गया था (ओ ए न. 267/2017) इस वक़त किस अबस्था में है।

इसके अलावा यह भी पूछा जाए कि ऐसी क्या परिस्थिति थी जो पी एन बी दी माल शिमला में संगठन का खाता होते हुए भी एस बी आई भट्टाकुफर में एक और खाता खोलने की नौबत आई और वो भी सिंगल ऑपरेटिव और अकेले ही 2016 से 2019 के काल में 18 लाख खर्च भी कर दिए जबकि इस पैसे का जिक्र 2016-19 के इन्कम-एक्सपेंडिचर डिटेल में नहीं किया गया।

यह भी पूछा जाए कि नवंबर 2019 में 6 जिले गवाने के उपरांत व 2021 के अंत तक एक भी जिले का पूर्ण साथ न होने पर भी किस आधार पर प्रधान पद पर कुंडली मार कर बैठे हो। ये भी पूछा जाए कि पिछले एक साल से अध्यापकों के मुद्दे कहाँ गायब हो गए। HGTU का इतिहास रहा है कि इस संगठन ने कभी भी डी ए की किश्त के लिए धन्यबाद नहीं किया है और वह भी तब जब हम केंद्र से 12% पीछे चल रहे हों। पे एरियर की तो बात ही नहीं। कैलाश का कहना है कि 

बात-बात पर हमारे विरुद्ध माननीय न्यायालय के 01.10.2022 के निर्णय का प्रचार किया जा रहा है जबकि इस निर्णय पर ऊपरली अदालत ने 28.03.2023 को रोक लगा दी थी और जो अभी तक कायम है।

राज्य चुनाव की तिथि निर्धारित कर दी है पर 2019 से अब तक खर्चे गए लगभग 20 लाख का हिसाब किताब सार्वजनिक नहीं किया गया है। ये भी पूछा जाए कि क्या संगठन के फण्ड की इन्कमटैक्स विभाग में रिटर्न भरी जाती है या नहीं? संघ के जिस संविधान की बात बार-बार की जाती है उसकी सत्यापित प्रति कहाँ है? क्या बैंक में संगठन के खाते से सम्बंधित के वाई सी नॉर्म्स पुरे किए हैं। संगठन के पंजीकरण व अन्य वास्तविक प्रतियाँ कहाँ हैं?

 

 

Deepika Sharma

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