EXCLUSIVE: वाह रे आईजीएमसी, इलाज यहां, MRI टेस्ट के लिए भेज रहे बाहर
एमआरआई के लिए भटकता रहा मासूम
आखिर बार बार क्यों मशीन हो जाती है खराब? अस्पताल क्यों नहीं करता इसका पक्का इलाज
हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल का दर्जा लिए बैठे इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में एमआरआई मशीन बार-बार खराब हो जाती है । इसे लेकर काफी सवाल खड़े होने लगे हैं कि यदि सबसे बड़े अस्पताल में ही यह टेस्ट समय पर नहीं हो पाएगा तो आखिर मरीज अपना इलाज कहां करवाए? इसे लेकर मरीजों ने भी प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि यदि मशीन पुरानी हो गई है तो इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज को नई मशीन दी जाए । और यदि खराब है तो इसका पक्का इलाज ढूंढा जाए।
ऐसा ही एक मामला रविवार को भी सामने आया जब एक बच्चे का तुरंत एमआरआई करने की सलाह डॉक्टर ने दी।
लेकिन ने जब संबंधित विभाग में बच्चे के रिश्तेदार टेस्ट करवाने गए तो उन्हें यह बोला गया कि यह मशीन टेस्ट नहीं कर सकती है उन्हें कहीं बाहर निजी क्षेत्र में इस टेस्ट को करवाने के लिए जाना होगा l
ऐसे ही मामले कई बार इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में सामने आ रहे हैं। यदि प्रशासन ने गंभीरता जाहिर नहीं की तो यह टेस्ट समय पर नहीं करने से मरीज की जान को खतरा भी हो सकता हैं।
सवाल तो यह खड़े होने लगे हैं कि इस पर सरकार भी ध्यान आखिर क्यों नहीं दे पा रही है। यदि प्रशासन मशीन के बार-बार खराब होने की गुहार आला अफसर को कर भी कर रहा है तो इसका रास्ता सरकार क्यों नहीं निकल पा रही है?
एक गरीब मरीज के लिए एमआरआई टेस्ट करना होता है मुश्किल
एक गरीब मरीज को एमआरआई टेस्ट करवाना बेहद ही मुश्किल होता है क्योंकि दूर दराज से इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज मरीज पहुंचता है और वहीं मालूम पड़ता है कि यहां पर टेस्ट नहीं होगा और हजारों का खर्चा अब आगे करना पड़ेगा।
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हर दिन कई लोगों को लिखा जाता है एमआरआई टेस्ट
इस टेस्ट को करवाने की हिदायत कई बार डॉक्टर द्वारा दी जाती है । इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी ऑर्थो , न्यूरो मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स विभाग अधिकतर इस टेस्ट को करवाने की सलाह देता है लेकिन आईजीएमसी में इसे करवाना अब मुश्किल होता जा रहा है।



