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केवीआईसी ने पीएमईजीपी के अंतर्गत देशभर के 11,480 सेवा क्षेत्र के लाभार्थियों को करीब 300 करोड़ रुपये से अधिक की मार्जिन मनी सब्सिडी संवितरित की

केवीआईसी ने पीएमईजीपी के अंतर्गत देशभर के 11,480 सेवा क्षेत्र के लाभार्थियों को करीब 300 करोड़ रुपये से अधिक की मार्जिन मनी सब्सिडी संवितरित की।
केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने नई दिल्ली स्थित राजघाट कार्यालय से ऑनलाइन माध्यम से लाभार्थियों को सब्सिडी जारी की।
अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पीएमईजीपी योजना ने गांव-गांव तक रोजगार और आत्मनिर्भरता का आधार मजबूत किया है।”

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के अंतर्गत 17 जून 2025 को एक वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से देशभर के 11,480 सेवा क्षेत्र (Service Sector) के लाभार्थियों को करीब 300 करोड़ रुपयेकी मार्जिन मनी सब्सिडी का संवितरण किया। यह संवितरण लगभग 906 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृति के सापेक्ष किया गया। यह आयोजन नई दिल्ली स्थित राजघाट कार्यालय से सम्पन्न हुआ, जहां से केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने अपनी टीम के साथ ऑनलाइन माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में यह सब्सिडी स्थानांतरित की। कार्यक्रम में केवीआईसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री रूप राशि सहित वरिष्ठ अधिकारी मुंबई से वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर और विकसित भारत का सपना साकार हो रहा है और पीएमईजीपी योजना उसका मजबूत स्तंभ बन चुकी है। उन्होंने कहा कि यह योजना केवल आर्थिक सहायता प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन बन गई है जो लाखों युवाओं, महिलाओं और कारीगरों को स्वरोजगार और उद्यमिता से जोड़ रही है। गांव-गांव तक रोजगार और आत्मनिर्भरता के निर्माण में इस योजना की भूमिका निर्णायक रही है।

इस व्यापक संवितरण में देश के सभी छह अंचलोंकी सक्रिय भागीदारी रही। केंद्रीय जोन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड की कुल 2403 परियोजनाओं के लिए करीब 72 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की गई, जिनके लिए कुल 218 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत हुआ। पूर्वी जोन में बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की 996 परियोजनाओं को करीब 22 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्राप्त हुई, जबकि ऋण स्वीकृति करीब 71 करोड़ रुपये रही।

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उत्तर भारत के राज्यों– पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान और केंद्रशासित चंडीगढ़ – के अंतर्गत कुल 2713 परियोजनाओं को करीब 61 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई और इन परियोजनाओं के लिए 184 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत हुआ। पूर्वोत्तर क्षेत्र की 81 परियोजनाओं को करीब 2 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्राप्त हुई, जिसमें असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा जैसे राज्य शामिल रहे।

दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में 4565 परियोजनाओं को शामिल करते हुए करीब 116करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की गई, जबकि इन परियोजनाओं के लिए 343 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण स्वीकृत किया गया। पश्चिम जोन के महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा राज्यों की कुल 722 परियोजनाओं के लिए 26 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी वितरित की गई, जो 82 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृति के सापेक्ष है।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) जब से शुरू हुआ है तब से लेकर वित्त वर्ष 2024-25 तक ग्रामीण और शहरी भारत में उद्यमिता और आत्मनिर्भरता का स्तंभ बन चुकी है। योजना के अंतर्गत अब तक कुल 10,18,185 सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना की जा चुकी है, जिनके लिए भारत सरकार द्वारा 73,348 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया है। इसके बदले लाभार्थियों को 27,166 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी प्रदान की गई है। इस योजना के माध्यम से अब तक देशभर में 90,04,541 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से रोजगारप्राप्त हुआ है, जो इसे देश की सबसे प्रभावी स्वरोजगार योजनाओं में से एक बनाता है। यह कार्यक्रम न केवल स्वरोजगार को बढ़ावा देता है, बल्कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को धरातल पर साकार करता है।

Deepika Sharma

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