EXCLUSIVE : माता-पिता जीवित पर मासूम चल पड़े राज्य शिशु गृह
चाइल्ड लाइन के पास पहुंचा अनोखा केस, सीडब्ल्यूसी ने दिलवाया आशियाना

55 वर्षीय व्यक्ति और उसकी धर्मपत्नी महज 27 वर्षीय, लेकिन मानसिक तौर पर पीड़ित धर्मपत्नी के कारण उक्त व्यक्ति के दो मासूम बच्चे अब राज्य शिशु गृह में रहेंगे।
जानकारी के मुताबिक 1098 पर इस बाबत एक शिकायत आई की मानसिक रूप से पीड़ित माता और अधिक उम्र के व्यक्ति के पिता होने के कारण दो मासूम बच्चों का जीवन सही तरीके से ठियोग के क्षेत्र में नहीं चल रहा है। लिहाजा दो मासूम बच्चों का रेस्क्यू ऑपरेशन आज 1098 ने किया लेकिन परिवार की कहानी जानकर 1098 के सदस्य देख हैरान रह गए। सामने आया कि उक्त व्यक्ति की पहली पत्नी जिसकी मौत हो गई है उससे भी उसके दो बेटियां हैं लेकिन बेटियों को नहीं पा ले जाने के कारण वह भी अब टूटी कंडी बालिका आश्रम में है।उसके बाद प्राप्त बयान में यह सामने आ रहा है कि उक्त व्यक्ति ने दूसरी शादी की लेकिन वह महिला मानसिक तौर पर बीमार है जिसके कारण वह बच्चों को पालने में असमर्थ है। अब सवाल यह उठ रहे हैं कि यदि ऐसे ही हिमाचल में मामले आते रहे तो राज्य शिशु ग्रह में बच्चों की संख्या बढ़ती रहेगी ।गौर हो कि राज्य शिशु गृह में अनाथ बच्चे ज्यादातर पाले जाते हैं जिनके माता या पिता नहीं होते हैं या फिर किसी अपराध में शामिल होते हैं लेकिन यदि इस तरह का केस आते रहे तो यह हिमाचल में सामने आ रही व्यवस्था को भी कटघरे में खड़ा करने लगे हैं।
इसका सारा खामियाजा मासूम बच्चों को अपने माता-पिता से दूर रहकर अब उठाना पड़ रहा है जिसके कारण अब उन्हें आगामी जिंदगी और राज्य शिशु गृह में बितानी होगी। इन मासूूूम बच्चों की उम्र 2 वर्ष से 3 वर्ष केेेेे बीच में
है।


