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सरकार बनते ही उद्योगों को परेशान करने के लिए व्यवसायिक बिजली महंगी की : नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर

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शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि इस सरकार में माफिया तंत्र सक्रिय है, प्रदेश में अराजकता का माहौल है। प्रदेश से कई बड़े उद्योगों ने प्रदेश से पलायन करने का अल्टीमेटम दिया है। पलायन करने का अल्टीमेटम देने में तीन बहुत बड़ी कम्पनियां भी शामिल हैं। इन उद्योगों से जुड़े लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार बताए कि वह कौन लोग हैं, जो इन उद्योगपतियों को प्रताड़ित कर रहे हैं और क्यों प्रताड़ित कर रहे हैं। सरकार यह भी बताए कि प्रताड़ित करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार यह भी स्पष्ट करे कि उद्योगपतियों को प्रताड़ित करने वालों का सरकार से कोई लेना देना नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उद्योग धंधे किसी भी प्रदेश की आर्थिकी का प्रमुख आधार हैं। आज माफिया से त्रस्त होकर हिमाचल से कई उद्योग बाहर जाने का अल्टीमेटम दे चुके हैं। उन्होंने पूछा कि कोई माफिया बिना संरक्षण के क्या सच में इतना ताकतवर हो सकता है कि वह प्रदेश आर्थिक हितों को नुक़सान पहुँचा सके।

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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उद्योग धंधों के राज्य से पलायन की बात करना भी शर्मनाक हैं। उद्योगों के पलायन से राज्यों पर साथ तिहरी मार पड़ती है। उद्योग धंधों पलायन करने से आर्थिक नुक़सान होता है, रोज़गार कम हो जाते हैं और निवेश की योजना बना रही कंपनिया भी पीछे हट जाती हैं। भविष्य में निवेश की संभावनाएं ख़त्म हो जाती हैं। इस तरह के माफिया राज के दूरगामी परिणाम होते हैं। प्रदेश के अर्थ व्यवस्था की रीढ़ टूट जाती है। हिमाचल जैसे पहाड़ी और चुनौतीपूर्ण राज्यों के लिए निवेशकों को राज़ी करना बहुत दुष्कर कार्य है। इसलिए इस पूरे मामले में सारे पूर्वाग्रह को छोड़कर मुख्यमंत्री को दखल देना चाहिए और उद्योगों को परेशान करने वाले माफ़ियाओं के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए।

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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार प्रदेश में निवेश के लिए माहौल ख़राब कर रही है। ऐसा ही माहौल रहा तो यह निवेशक हिमाचल प्रदेश से किनारा करने लगेंगे तो सीमित संसाधनों और सुविधा वाले प्रदेश के लिए समस्या हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार में हमने हिमाचल को निवेशकों के अनुकूल बनाया, जिससे प्रदेश में निवेश करने के लिए उद्योगपति राज़ी हुए थे, तमाम क़ानूनी पेचीदगियों के बाद भी हिमाचल प्रदेश ‘ईज़ ऑफ़ डूइंग बिजनेस’ में पहाड़ी राज्यों में सबसे ऊपर था। देश में भी हिमाचल निवेश के लिए सबसे अनुकूल राज्यों में से था।

 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार उद्योग विरोधी है। पूर्व में भी जब कांग्रेस की सरकार थी तब भी सैकड़ों की संख्या में कल-कारख़ाने विस्थापित हुए थे। सरकार उन्हें रोकने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के बजाय उद्योगों के पलायन की बात ही नकारती रही। विश्व बैंक के आंकड़ों को ख़ारिज करती रही। नतीजन बहुत सारे उद्योग प्रदेश से चले गये। आज फिर वही स्थिति बन रही है। उद्योगों को पलायन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। प्रदेश में चारों तरफ़ माफिया सक्रिय है। प्रदेश में विधि और तंत्र का राज होना चाहिए माफिया राज नहीं।

 

बीजेपी सरकार ने बनाया था प्रदेश में निवेश का माहौल

 

हमने अपनी सरकार में प्रदेश में उद्योग धंधों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किए। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनते ही हमने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए धर्मशाला में एक भव्य इंवेस्टर समिट की थी। जिसमें 703 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) के ज़रिए 96 हज़ार 721 करोड़ रुपये के निवेश पर सहमति बनी। इसके बाद हमें ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी भी की। पहली बार में 13 हज़ार 488 करोड़ की 236 परियोजनाओं की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी हुई, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शामिल हुए। 28 हज़ार 197 करोड़ रुपये की 287 परियोजनाओं की दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल हुए। आज पचासों हज़ार करोड़ की परियोजनाएं ज़मीन पर उतर रही हैं। जिससे हज़ारों की संख्या में लोगों को रोज़गार मिलेगा और हज़ारों करोड़ में प्रदेश को राजस्व प्राप्त होगा।

Deepika Sharma

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