शिक्षा
रोष: सरकार अपने चेहतो को दे रही सेवा विस्तार ,बाकि सम्मानित शिक्षको के लिए वितिय संकट
राज्य तथा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में
राज्य तथा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित अध्यापको को इन दिनो सेवा विस्तार के लिए बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार तथा शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में किये उत्कृष्ट कार्यो के लिए सम्मानित किया जाता है।2015 में इसी सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार राज्य पुरस्कार से सम्मानित शिक्षको को एक वर्ष का सेवा विस्तार तथा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षको को एक वेतन वृद्धी और एक साल का सेवा विस्तार मिलता है। इसी सरकार ने जनवरी तथा फरवरी माह में अवार्डी शिक्षको को सेवा विस्तार दिया । लेकिन उसके पश्चात सरकार ने मार्च में एक शिक्षक को सेवा विस्तार दे दिया जबकि उसी माह सेवा निवृत हुए दूसरे सम्मानित शिक्षक को सेवा विस्तार नही दिया। तथा उन्हें मजबुरन न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा। उसके पश्चात अप्रैल माह में सेवा निवृत होने वाले तीन शिक्षक तथा मई माह मे भी सेवा निवृत हुए तीन सम्मानित शिक्षको अभी तक दर दर की ठोकरें खाने के लिए सरकार ने मजबुर किया है।जिन्हे अभी तक सरकार द्वारा सेवा विस्तार का पत्र बार बार गुहार लगाने के बाद भी नही मिलने पर वे खुद को अपमानित महसुस कर रहे हैं। जबकि उन्हे अप्रैल माह के पहले सम्ताह में ही सेवा विस्तार का पत्र मिलना चाहिए था लेकिन सेवा विस्तार का पत्र प्राप्त न मिलने के कारण वह असंमजस में रहता है कि कब मेरा सेवा विस्तार का पत्र आएगा । इसी कशमश में शिक्षा विभाग में तीस या बत्तीस वर्ष का सेवा काल पुर्ण करने के पश्चात शिक्षक की सेवा निवृति खुशी खुशी से नही हो पाती । अगर समय पर इन शिक्षको का सेवा विस्तार का पत्र इन्हे मिल जाता तो इनकी सेवा लगातार रहती है अन्यथा बाद में इनकी जगह कोई दुसरा अध्यापक वहां ज्वाईन कर जाता है और इन्हे देरी से सेवा विस्तार मिलने पर स्टेशन की भी दिक्कत आ रही है। सेवा निवृत सम्मानित शिक्षक गजेन्द्र ठाकुर , कमल किशोर, सुनिता देवी, चमन लाल शर्मा, तथा जगदीश कुमार ने कहा है कि सरकार अगर 19 जुन को होने वाली बैठक में अपनी स्थिति स्पष्ट नही करती है तो अपैल तथा मई माह में सेवा निवृत हुए छः शिक्षको को सरकार के ऐसे रवैया से दुखी हो कर मजबूरन न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबर होना पडेगा ।



