EXCLUSIVE: कटघरे में हिमाचल का एक सरकारी आश्रम, बच्चों से करवाया जा रहा काम
एक माता ने की शिकायत, कहा:संबंधित कर्मचारियों की बच्चों पर सख्ती ,कहते हैं काम सही से नहीं करोगे तो खाना मिलेगा कम
भाग एक….
हिमाचल में बच्चों का एक सरकारी बाल आश्रम सवालों के घेरे में आ गया है। इस बाबत एक माता ने संबंधित आश्रम की शिकायत की है जिसमे कहा गया है कि छोटे बच्चों से आश्रम में काम करवाया जा रहा है। धमका कर काम करवाया जा रहा है।
इसकी जांच की मांग माता ने की है। हिमाचल के इस उक्त आश्रम का नाम, बच्चों का नाम, जगह का नाम, बच्चों का लिंग और माता का नाम गुप्त रखा जा रहा है।
बात का खुलासा तब हुआ जब बच्चा अपने परिवार से मिलने घर आया। माता का कहना है कि पहले वह अवकाश के बाद वापिस आश्रम जाने के लिए खुश रहता था, लेकिन पिछले कुछ समय से जब वह अवकाश के दौरान घर आया तो बच्चा वापिस आश्रम नही जाने के लिए रोने बिलखने लग गया। कहने लगा कि उसे वापिस आश्रम नहीं भेजना। वह आश्रम वापिस नहीं जाना चाहता। वहां काम सही से नहीं करने पर खूब डांट लगाई जाती है और खाना कम देने की भी कई बार धमकी दी जाती है।
प्राइमरी कक्षा का यह बच्चा यह बोलने लगा कि उन्हें आश्रम में काम करवाया जाता है और बहुत डांट लगाई जाती है ।
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आटा गीला रह गया तो खाना कम देने की देते है धमकी
प्राइमरी के इस बच्चे ने अपनी माता को शिकायत की है कि कई बार उनसे आटा गूंथने के लिए कहा जाता है यदि आटा गीला रह गया तो संबंधित कर्मचारी चिल्ला कर कहते हैं कि यदि सही से काम नहीं हुआ तो खाना कम मिलेगा । बच्चों से बर्तन भी धुलवाए जाते हैं ।यह शिकायत भी माता ने अपने शिकायत में कही है ।माता ने इसकी जांच करने का संबंधित प्रशासन से आग्रह किया है।
गौर हो कि पहले ही एक बेबस बच्चे आश्रम में रहते हैं जिसमें कई बार बच्चे के माता-पिता नहीं होते हैं और कई बार मजबूरी में परिवार जन को बच्चों की देखभाल के लिए उन्हें आश्रम भेजना पड़ता है। उम्मीद है कि इस विषय में गंभीरता से जांच होगी और यदि जांच के बाद इसमें सच्चाई पाई गई तो संबंधित कर्मचारियों पर उचित कार्रवाई होने की उम्मीद जताई गई है।
भले ही सच्चाई का खुलासा जांच के बाद होगा लेकिन यदि यह सच है तो निसंदेह हिमाचल के लिए शर्मसार करने वाली घटना है।
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अपने परिवार से क्यों बता रहे आश्रम की बातें?
शिकायत में ये भी सामने आ रहा है कि यदि बच्चा अपने परिवार से आश्रम की बात करता है तो उससे साफ कहा जाता है कि वह आश्रम की बातें घर पर क्यों बताते हैं। संबंधित कर्मचारी बच्चों को डरा कर यह कहते हैं कि यदि आश्रम की बातें अपने परिवार से बताई तो यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा।
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ये उठे है सवाल
अब सवाल भी खड़े हुए हैं कि क्या आश्रम की जांच समय पर समय नहीं की जाती?
क्या बच्चों और संबंधित कर्मचारियों की काउंसलिंग नहीं की जाती?
कर्मचारी वर्ग बच्चों से कैसा व्यवहार करते हैं इस पर संबंधित प्रशासन में कैसे नजर रखता है।
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गंभीर है आरोप ।जांच के बाद होगा खुलासा
गौर हो कि एक बेबस माता के द्वारा लगाए गए आरोप काफी गंभीर है लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है इसका खुलासा जांच के बाद पता लगेगा। संबंधित प्रशासन अब इसकी जांच कितनी तेजी से कर पाता है अब इसकी अब सभी की नजर इस पर टिकी है।




