विशेषस्वास्थ्य

EXCLUSIVE: लेबर रूम के बाहर शौच के लिए घंटो भटकती रही बुजुर्ग महिला

वाह रे !महिलाओं का सबसे बड़ा अस्पताल , लेबर रूम के बाहर शौचालय का भी नहीं रखा ख्याल एक साथ तोड़ डाले सभी शौचालय, महिला मरीजों और तीमारदारों को दिक्कत

 

प्रदेश के सबसे बड़े महिला एवं शिशु रोग अस्पताल में एक अजीब सा मसला सामने आया है। परेशानी यह है कि लेबर रूम के बाहर साथ लगते सभी शौचालयों को एक साथ तोड़ दिया गया है। और 15 दिन से अधिक का समय हो गया है इसकी स्थिति जस की तस है

अब इसकी परेशानी कई मरीजों को उठानी पड़ रही है वहीं अभी हाल ही में एक  गर्भवती महिला मरीज के साथ आई एक बुजुर्ग महिला को घंटों शौचालय के लिए लेबर रूम के बाहर भटकना पड़ा। उसे क्या मालूम था कि लेबर रूम के बाहर जो सभी शौचालय बने हैं वह एक साथ तोड़ दिए जाएंगे ।  उसने साथ बैठी अन्य महिलाओं से भी शौचालय के बारे में जानना चाहा  लेकिन उन्हें भी शौचालय के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं थी।

बुजुर्ग महिला घंटो वहां खड़ी रही और ऊपर नीचे भटकती रही।लेकिन उसे शौच के लिए कहीं उचित स्थान नहीं मिल पाया। ऐसी ही परेशानी आए दिन मरीजों के तीमारदारों को झेलनी पड़ रही है।

 

भले ही आए अस्पताल प्रशासन के लिए या छोटा मसला लगता हो लेकिन दूरदराज से आने वाले मरीजों को जब इस तरीके की परेशानी का सामना करना पड़ता है तो अस्पताल प्रशासन की व्यवस्था कटघरे में खड़ी होती दिखती है।

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 भले ही इसे दुरुस्त करने के लिए संबंधित प्रशासन द्वारा तोड़ा गया है लेकिन हैरानी तो यह है कि इसमें एक साथ सभी शौचालय तोड़ दिए गए हैं। इसे लेकर महिला मरीजों के तीमारदारों ने अस्पताल प्रशासन से गुहार लगाई है कि आखिर ये किस तरह के काम को यहां अंजाम दिया जा रहा है? जिसमें मरीजो ही नहीं बल्कि उनकी देखभाल के लिए आने वाले तीमारदारों को भी शौच के लिए ऊपर नीचे भटकना पड़ रहा है। 

 

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दूरदराज से आते हैं मरीज

 

गौर हो कि राज्य स्तरीय कमला नेहरू अस्पताल एक ऐसा अस्पताल है , जहां पर प्रदेश के दूरदराज के इलाकों से महिला मरीजों को रेफर किया जाता है जिसमें गर्भवती महिलाएं ही नहीं बल्कि अन्य रोग से ग्रसित महिलाएं भी शामिल रहती हैं ।प्रतिदिन कम से कम लगभग 3 से 4000 महिलाओं की ओपीडी कमला नेहरू अस्पताल में सिर्फ महिला रोग से ग्रसित महिलाओं की रहती है 

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ये है लेबर रूम के हाल 

ऐसे में लेबर रूम की बात की जाए तो प्रतिदिन यहां पर लगभग 20 से 25 बच्चों का जन्म होता है जिसमें महिलाएं ही नहीं बल्कि उनके तीमारदारों को भी दरवाजे के बाहर घंटों खड़ा रहना पड़ता है लेकिन अब स्थिति यह है कि शौचालय के लिए जाएं तो जाएं कहां। 

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उठा सवाल

अब हैरत इस बात की है कि आखिर एक साथ यह शौचालय क्यों तोड़ दिए गए ।सूत्रों के हवाले से सूचना तो यह है कि अस्पताल के एमएस को भी इसकी शिकायत मिल चुकी है लेकिन अब क्या कार्रवाई होती है देखना बाकी है?

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कर डाला था हिटिंग सिस्टम बंद

कमला नेहरू अस्पताल से शिकायत यह भी मिली है कि यहां पर हीटिंग सिस्टम को एकाएक बंद कर दिया गया था बल्कि शिमला में आजकल मौसम काफी खराब रहता है और लेबर रूम में काफी ठंड रहने की संभावना बढ़ जाती है।

Deepika Sharma

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