असर विशेष: अपनी नौकरी अपना मकान सब कुछ छोड़ कर अपनी मां के साथ स्कूटर पर भारत भ्रमण क्यों?
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बीस साल पुराने स्कूटर पर 73 वर्षीय मां और भ्रमण देश विदेश का आखिर क्या रही वजह ? इस बात की कलई खोलने के लिए असर न्यूज़ ने स्कूटर पर शिमला पहुंचे कृष्ण कुमार से खास बातचीत की।
हर धर्म में माता-पिता को ईश्वर के बराबर दर्जा दिया गया है, रामायण काल के बाद भले ही समय कितना आगे बढ़ गया हो, पर अभी भी लोगों में वही आदर्श कभी-कभी दिख जाते हैं, कुछ ऐसा ही नजारा शिमला में देखने को मिला था, जब कर्नाटक निवासी पुत्र अपनी नौकरी अपना मकान सब कुछ छोड़ कर अपनी मां को इस स्कूटर से तीर्थाटन कराने निकल पड़े हैं।आज वह उतराखंड से होते हुए शिमला पहुंचे है।
मां बेटे की इस जोड़ी को जो भी स्कूटर से यात्रा करते देखता है उसके मन में पितृभक्त ‘ श्रवण कुमार ‘ की स्मृति ताज़ा हो जाती है। 44 वर्षीय कृष्णा की माँ ने कृष्णा के पिता के

देहांत के बाद उनकी माता ने धार्मिक यात्रा की इच्छा जताई। परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी न होने के चलते कृष्णा ने घर में मौजूद पिता के पुराने स्कूटर को ठीक कराया और मां को लेकर तीर्थ यात्रा कराने निकल पड़ा। मैसूर के डॉ. दक्षिणामूर्ति कृष्णा कुमार 5 साल से मां चूड़ा रखम्मा को स्कूटर से ही विभिन्न शहरों के धार्मिक स्थलों कि यात्रा करवा रहे हैं।
अब वह वर्ष 2018 से यात्रा पर निकल पड़े है।
कृष्णा कहते हैं, मेरे लिए मां की सेवा ही जीवन है। मेरा मकसद मां को देश के एक-एक मंदिर का दर्शन कराना है। उन्होंने बताया कि वे मूल रूप से कर्नाटक के मैसूर स्थित वोगादी के निवासी हैं। वे पहले एक कंपनी में कॉर्पोरेट टीम लीडर की नौकरी करते थे। नौकरी के समय की गई बचत से खर्च चलता है उन्होंने कहा कि हम 16 जनवरी 2018 को भारत दर्शन को निकले थे। अब तक केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, पांडिचेरी, गोवा, उड़ीसा, प. बंगाल भ्रमण कर चुके हैं। शिमला के बाद वह मनाली जाएंगे।
असर विशेष के साथ
कविता



