
सरकार बदलने के साथ बहुत कुछ बदलने की आशा भी थी ओर अपेक्षा भी । साथ ही ढोल पीट पीट कर सत्ता परिवर्तन के साथ व्यवस्था परिवर्तन की बात की जा रही थी परंतु उच्च शिक्षा निदेशालय से जारी ताजा आदेश ने संशय पैदा कर दिया कि शिक्षा विभाग में व्यवस्था परिवर्तन कर पाना आसान नही ।

जहां शिक्षा मंत्री बार-बार डेपुटेशन वाले शिक्षकों को विद्यालय में भेजने की बात कर रहे हैं वही एक ताजा फरमान मे इसके ठीक विपरीत बिलासपुर जिला की एक वाणिज्य प्रवक्ता को विद्यालय से उप निदेशक कार्यालय मे प्रतिनियुक्त किया गया है वह भी जनहित मे ।
अब प्रश्न पैदा होता है कि एक शिक्षक का जनहित विद्यालय मे होगा अथवा उप निदेशालय मे ? इस प्रकार की जुगाड़ बाजी से जहां संबंधित विद्यालयों के विद्यार्थियों को परोक्ष रूप से नुकसान होता है वही दूरदराज के क्षेत्रो मे सेवाय दे रहे उन शिक्षको का मनोबल भी गिरता है जिन्हें उचित तबादलों के लिए भी कई प्रकार की शर्तों से होकर गुजरना पड़ता है । आशा की जानी चाहिए कि शिक्षा विभाग में भी व्यवस्था परिवर्तन का कुछ तो असर होगा।
 
					 
							
													


