मदद करने के लिए हमें ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं होती है , बस जज्बा होना जरूरी है ऐसा ही उदाहरण आरके बस मालिक ने पेश किया है ।
दमयाना पंचायत के दसाना गांव के गरीब और शुगर से पीड़ित परिवार मे खर्च की तंगी के चलते आधा किराया लेने का निवेदन किया गया था ।रोज का बस किराया 40₹ है ये बस मालिक से निवेदन किया गया था,और बगैन स्कूल मे +2 पढ़ रहे बच्चे अंकुश का दोनों बसों मे घर से स्कूल आना जाना फ्री कर दिया है!
सोलन से घूंड चलने वाली इस बस के मालिक…. के अनुसार हमें कोशिश करनी चाहिये कहीं भी किसी जरूरतमंद की मदद की जाए ये हमारी जिम्मेदारी रहती है समाज मे…. ऐसी मदद की है।उन्होंने कहा कि
..मैंने एक छोटी सी कोशिश कि है,।वही उन्होंने बताया कि इसी स्कूल के शिक्षक ने हमें इसकी मदद करने के लिए बोला था ,हमने हामी भर दी है।



