आखिर बच्चे अब दूध पीना क्यों पसंद नहीं कर रहे।असर विशेष के साथ आज बातचीत के दौरान खाद्यकरण अधिकारी नीलीमा
ने बताया कि आजकल छोटे बच्चे जंक फूड के सेवन में बढ़ोतरी कर रहे हैं, जिसके कारण स्वास्थ्य संकट की चिंता बढ़ रही है। जंक फूड में अधिक मात्रा में तेल, शक्कर, मैदा, और प्रोसेस्ड तत्व होते हैं, जो बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। नतीजा बच्चे दूध नहीं पी रहे है। हर दिन आईजीएमसी की ओपीडी में पच्चास बच्चे ऐसे आते है जिनके अभिभावक उन्हे कमजोरी की परेशानी ले कर अस्पताल लाते हैं। जब पता चलता है की वह दूध ही नही पीते है। बच्चे जंक फूड का इतना इस्तेमाल करते हैं की दूध जैसी ताकत युक्त पदार्थ पीने में उन्हें स्वाद नहीं लगता है। बच्चों का पेट छोटा होता है लिहाजा जंक फूड से ही उनका पेट भर जाता है और वह दूध का इस्तेमाल बहुत ही कम करते हैं
तत्व होते हैं:
1. उच्च मात्रा में तेल: जंक फूड में अधिक मात्रा में तेल होता है, जिससे बच्चों को अतिरिक्त कैलोरी मिलती हैं और वजन बढ़ सकता है। इसके अलावा, यह सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है और हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।
2. अतिरिक्त शक्कर: जंक फूड में शक्कर की अधिक मात्रा होती है, जिससे बच्चों को उच्च मात्रा में कैलोरी मिलती हैं और उनका शरीर तेजी से ग्लूकोज को शोधन करता है। यह उनके दांतों के लिए भी हानिकारक हो सकता है और दांतों संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकता है।
3. प्रोसेस्ड और पड़ा हुआ अनाज: जंक फूड में उपयोग किए जाने वाले प्रोसेस्ड और पड़ा हुआ अनाज मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। इसके कारण बच्चों की संवेदनशीलता, व्यक्तित्व और ध्यान क्षमता पर असर पड़ सकता है।
छोटे बच्चों को जंक फूड से दूर रखने के लिए खाद्यकरण अधिकारी नीलम ने सुझाव दिए है
1. स्वास्थ्यपूर्ण आहार: बच्चों को पोषणपूर्ण आहार प्रदान करें, जैसे कि फल, सब्जी, पूरे अनाज, और प्रोटीन स्रोत जैसे दूध, दाल, सब्जी।
2. स्वास्थ्यपूर्ण टिफ़िन: बच्चों के लिए घर पर तैयार किए गए स्वास्थ्यपूर्ण टिफ़िन लेकर जाएं, जिसमें अच्छे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ हों।
3. स्वस्थ विकल्प: छोटे बच्चों को स्वस्थ विकल्पों के बारे में जागरूक करें, जैसे कि फल का सलाद, सब्जी, और संग्रहित दही।
4.परिवारिक समर्थन: परिवार को भी जंक फूड से दूर रहने के लिए संयमित और स्वास्थ्यपूर्ण आहार को अपनाने के लिए प्रेरित करें।
5. उदाहरण प्रस्तुत करना: आपके छोटे बच्चे के लिए स्वस्थ आहार का उदाहरण प्रस्तुत करें और उन्हें स्वस्थ खाद्य पदार्थों के महत्व के बारे में समझाएं।
फलों, सब्जियों और दूध का सेवन अपनाने से हमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन्स, मिनरल्स, फाइबर और प्रोटीन मिलते हैं, जो हमारे शरीर के उचित विकास और कार्यक्षमता के लिए आवश्यक होते हैं। फल और सब्जियों में विटामिन सी, विटामिन ए, फोलिक एसिड, पोटेशियम और आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जबकि दूध अच्छी मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन डी और बी12 को अप्राप्ति कराता है।
असर विशेष के साथ बातचीत करते हुए नीलम ने बताया कि, फलों, सब्जियों और दूध का सेवन न करने से हमें कई पोषण संबंधी कमियों का सामना करना पड़ सकता है।
फलों, सब्जियों और दूध के सेवन की कमी से हमें कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। फलों और सब्जियों में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स हमारे शरीर को कैंसर, हृदय रोग, मोटापा और मधुमेह जैसी बीमारियों से बचाते हैं। दूध का सेवन हमारी हड्डियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और इसकी कमी से हड्डी संरचना कमजोर हो सकती है और ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना बढ़ सकती है।
फल, सब्जी और दूध के सेवन में कमी के कारण अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। ये संक्रमण, पाचन संबंधी समस्याएं, त्वचा संबंधी विकार और बालों की समस्याएं जैसी समस्याएं शामिल हो सकती हैं।
फलों, सब्जियों और दूध का नियमित सेवन करने से हमारे शरीर को आवश्यक पोषण तत्व मिलते हैं और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहती है। इसलिए, हमें फल, सब्जी और दूध को अपने आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है।फल और सब्जी: फल और सब्जियां अनगिनत पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और छोटे बच्चों को शक्ति प्रदान करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से ताजे फल और सब्जियां खिलाने से उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और उन्हें अस्थमा, यूरिनरी इन्फेक्शन, और आंत्र मंदता जैसी समस्याओं से बचाने में मदद मिलती है।
अनाज और धान्य: अनाज और धान्यों का सेवन बच्चों को फाइबर, प्रोटीन, विटामिन बी, और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर करता है। यह उनके आहार में अच्छे कार्बोहाइड्रेट्स की आपूर्ति करता है और उनके शारीरिक विकास के लिए आवश्यक होता है।
हाइजीन और सफाई: बच्चों के आहार में सुरक्षितता और स्वच्छता को ध्यान में रखना आवश्यक है। सभी खाद्य पदार्थों को स्वच्छ जल, साबुन और ताजगी के साथ धोएं। उन्हें स्वच्छ पानी से हाथ धोना सिखाएं और उन्हें हाथों को स्वच्छ रखने की सीख दें।
असर विशेष के साथ
कविता



