EXCLUSIVE: नामी निजी चिकित्सक ने लिखी दवा केमिस्ट ने बदली बच्चे की तबीयत बिगड़ी
स्वास्थ्य विभाग को कसनी होगी कमर
किसी मरीज को यदि गुणवत्ता युक्त दवा नहीं दी जाए तो फिर उसका परिणाम क्या हो सकता है इसका एक मामला शिमला में सामने आया है। शिमला के एक नामी निजी क्लीनिक में एक बच्चे को डॉक्टर द्वारा दवा लिखी गई ,लेकिन जब वह केमिस्ट के पास गया तो उसने डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा को बदल कर दूसरी दवा दी ।
जब वह दवा बच्चे को खिलाई तो उसकी हालत और ज्यादा बिगड़ गई । जब बच्चे के अभिभावकों द्वारा डॉक्टर से शिकायत की गई तो डॉक्टर ने कहा कि यह दवाएं उसने नहीं लिखी है यह दवाई बदल कर दी गई। दवाओं की छानबीन की गई तो दवाई एक तुलनात्मक दृष्टि से अवमानक कंपनी की निकली ।
आवमानक कंपनी मसलन ऐसी कंपनी जिसमें अक्सर गुणवत्ता को उच्च स्तर पर प्रथमिकता नहीं दी जाती और चिकित्सक कुछ सीमा तक इसके प्रयोग से परहेज़ करते हैं जैसा की इस घटना में भी चिकित्सक द्वारा पूरी तरह इसे अस्वीकार किया है हालांकि मामले पर खूब हंगामा मचा और डॉक्टर ने भी साफ किया कि इस तरह के मामले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे ।
इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग आखिर कहां सोया पड़ा है । बच्चे की हालत काफ़ी बिगड़ गई थी । डॉक्टर का मानना है कि दवा नहीं मिलने पर निसंदेह केमिस्ट दवा को बदल सकता है । लेकिन इसके बारे में उसे डॉक्टर से भी संपर्क करना जरूरी है और उसकी गुणवत्ता सुनिश्चित करना भी एक केमिस्ट की जिम्मेदारी है ।
ये हुआ आनन-फानन में
हालांकि आनन-फानन में जब बच्चे के अभिभावक केमिस्ट के पास पहुंचे तो केमिस्ट में बच्चे के इलाज की पूरी जिम्मेदारी ली। जिसमें खर्चा मुहैया करने की बात कही गई ।
लेकिन यदी इस तरह केमिस्ट कुछ मुनाफे के लिए अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे और गुणवत्ता के अनुरूप दवा नहीं देंगे तो मरीज को ठीक होने में काफी लंबा समय लग सकता है और साईड इफेक्ट्स का खतरा भी बढ़ जाता है ।




