
बारिश नहीं होने से हिमाचल के लोग बीमारी की चपेट में आ गया है। जिसमे सबसे ज़्यादा सर्दी ,खांसी छाती जाम और हड्डियों में दर्द की शिकायत लेकर मरीज़ डॉक्टर के पास पहुँच रहे है। हिमाचल के सभी ज़िला अस्पतालों में प्रति दिन की ओपीडी में आने वाले मरीज़ों का ग्राफ़ बीस से तीस फ़ीसदी बढ़ा है। जिसमें हर उम्र वर्ग के लोग शामिल हे।
जिसमें चिकित्सकों का कहना है की बारिश नहीं होने का असर शरीर पर भी पड़ता है। जिससे लोग बीमार पड़ रहे है। बच्चों के चिकित्सक डॉक्टर राजेश का कहना है कि बच्चों और बुजुर्गों पर सूखी ठंड का असर सबसे ज़्यादा दिखता है। आईजीएमसी की प्रति दिन की मेडिसिन ओपीडी पर गोर करें तो सौ मरीज़ों में से चालीस मरीज़ सर्दी के परेशान होकर अस्पताल पहुँच रहे है जिसमे लगभग दस मरीज़ काफ़ी गंभीर अवस्था में आते है ।
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सर्दियों में फ्लू का खतरा बढ़ता है और इसके लक्षणों में बुखार, गले में खराश, नाक बहना, सिरदर्द, थकान और सांस की कठिनाई आदि शामिल है। सूखी खांसी और कफ भी फ्लू के लक्षण हो सकते हैं। बहती नाक, बार-बार छींक आना और कफ ये तीनों सर्दियों के मौसम में होना बहुत सामान्य है। यह माइल्ड और सीरियस दोनों तरह का हो सकता है।
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सर्दी में होने वाली बीमारियों से बचाव कैसे करें:
शरीर को गरम रखने के लिए थोड़े अधिक गरम कपड़े पहनें
स्वच्छता का ध्यान रखें
नियमित रूप से स्किन को मॉस्चराइज करें
ठंडा पानी पीने से बचें
तेज़ गरम पानी के स्नान से बचें
पौष्टिक भोजन करें


