हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ , मेंडिकल कॉलेज में नियुक्त वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक के कार्य प्रणाली के बदलाव का विरोध करता है। एक चिकित्सक लगभग 25 से 30 साल की सेवाएं देने पर इन पदों पर नियुक्त होता है। इस पद पर नियुक्त यदि अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को छुट्टी देने का अधिकार भी खो देता है तो उसके पास इस पद पर कार्य करने का क्या औचित्य रह जाएगा। अध्यक्ष राजेश राणा, प्रेस सचिव डॉ. विजय राय का कहना है कि
संघ का सरकार से यह भी निवेदन है कि मेडिकल कॉलेजों में ज्वाइंट डायरेक्टर के पद पर चिकित्सकों को ही नियुक्त किया जाए। इस संदर्भ में यदि सरकार को यह लगता है कि चिकित्सक वित्तीय कार्यकारिणी में निपुण नहीं है तो उनकी विशेष ट्रेनिंग कराई जाए। संघ यह नहीं चाहता है कि हमारे विभाग से चिकित्सक किसी दूसरे विभाग में सेवाएं प्रदान करें उसी तरह स्वास्थ्य विभाग में अन्य विभागों से नियुक्तियां करना प्रदेश भर के चिकित्सकों के हित में नहीं है। किसी भी विभाग में अन्य विभाग से नयुक्तियां करने से उस विभाग में कार्य कर रहे कर्मचारी और अधिकारियों का मनोबल टूटता है। हर विभाग में कार्यरत कर्मचारी और अधिकारी यह चाहते हैं कि जब वह वरिष्ठ बने तो उनकी पदोन्नति हो और इस तरह उनकी पदोन्नति के अधिकार को छीन लेना भी न्याय संगत नहीं है।
यदि इस कार्यप्रणाली में शीघ्र बदलाव नहीं किया जाता है तो यह मांग मुख्यमंत्री महोदय के समक्ष भी शीघ्र रखी जाएगी। चिकित्सक दिन रात जनता की सेवा में कार्यरत हैं और प्रदेश की जनता को भी यह बताना चाहते हैं कि चिकित्सकों के अधिकारों को इस तरह से छीन लेना कोई न्याय संगत बात नहीं है । हम जनता से भी अनुरोध करते हैं कि हमारी मांगों का समर्थन करें। यदि सरकार को लगता है कि चिकित्सक किसी कार्य को करने में परिपक्व नहीं है तो उनकी विशेष ट्रेनिंग कराई जाए।

