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55 सदस्यों की एक चुनाव कमेटी का गठन किया गया

 

भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की नगर निगम शिमला के चुनाव को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक पार्टी कार्यालय में आयोजित की गई। इसमें 55 सदस्यों की एक चुनाव कमेटी का गठन किया गया तथा संजय चौहान को संयोजक व जगत राम को सह संयोजक नियुक्त किया गया। सीपीएम नगर निगम शिमला के चुनाव में बीजेपी व कांग्रेस की आमजन विरोधी नवउदारवादी नीतियों के खिलाफ जनहित की वैकल्पिक नीतियों के साथ इस चुनाव में मोर्चा बनाकर एक विकल्प के रूप में उतरेगी। इस मोर्चा में उन लोगो को शामिल किया जाएगा जो इन वैक्लपिक नीतियों के लिए पार्टी के साथ मिलकर चलेंगे।

चुनाव कमेटी में डा ओंकार शाद, राकेश सिंघा, कुलदीप सिंह तंवर, विजेंद्र मेहरा, फाल्मा चौहान, जगमोहन ठाकुर, सत्यवान पुंडीर, राजिंद्र चौहान, टिकेंद्र पंवर, राम सिंह,बालक राम, रीना सिंह, अनिल ठाकुर, महेश वर्मा, विजय कौशल, किशोरी डटवालिया, विनोद बिसरांटा, सुरिंदर तंवर, सोनिया सुबरवाल, बलदेव, हिम्मी, रमाकांत मिश्रा, रामू, रमन थारटा, दलीप, अमित, अशोक वर्मा, पूर्ण,सुरेंद्र बिट्टू, बाबू राम, रंजीव कुठियाला, नेहा, विवेक राज, जिया नन्द, सुरेश पुंडीर, सीमा, कपिल, गोविंद चित्तरांटा, विवेक कश्यप, जय शिव, नवीन, होशियार, सुरजीत, हरीश, अंकुश, राजीव ठाकुर, संजीव भूषण, विश्वभूषण, दलीप कायथ, सुरिंदर वर्मा को कमेटी का सदस्य बनाया गया है।

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सीपीएम चुनाव में पिछली नगर निगम के कार्यकाल में बीजेपी के द्वारा लागू की गई निजीकरण, सेवाओं को महंगा कर आर्थिक बोझ डालने, ठेका प्रथा, नगर निगम की स्वायत्तता पर हमला, कर्मचारियों की भर्ती पर रोक आदि जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध इस चुनाव में उतरेगी तथा जनता के समक्ष वैकल्पिक नीतियों के साथ बीजेपी व कांग्रेस के मुकाबले एक सशक्त विकल्प देगी। सीपीएम इस चुनाव में जनता के समक्ष 2007-12 कांग्रेस शासित नगर निगम में कार्यकाल , 2012-17 सीपीएम के नेतृत्व में नगर निगम में कार्यकाल व 2017-22 बीजेपी शासित नगर निगम के कार्यकाल में किए गए कार्यों के आधार पर इस चुनाव में जनता के समक्ष जायेगी। बीजेपी व कांग्रेस की निजीकरण, सेवाओ को महंगा करना, ठेका प्रथा, कर्मचारियों के रिक्त पड़े पदों को न भरना व नगर निगम की स्वायत्तता पर हमला आदि मुख्य मुद्दे रहेंगे तथा सीपीएम के नेतृत्व में नगर निगम में वैकल्पिक नीतियों के आधार पर शिमला शहर के विकास को नए आयाम देने को चुनावी मुद्दा बनाएगी। *सीपीएम के नेतृत्व में 2012 के पश्चात नगर निगम द्वारा पेयजल के निजीकरण को रोका गया तथा इसकी आपूर्ति के सुधार के लिए महत्वपूर्ण योजना विश्व बैंक से परियोजना स्वीकृत करवाना, उच्च न्यायालय में संघर्ष कर शिमला के लिए स्मार्ट सिटी परियोजना स्वीकृत करवाना, अमरुत परियोजना, रोपवे व वैकल्पिक परिवहन के लिए सिटी मोबिलिटी प्लान बनाना, शिमला शहर के सौंदर्यकरण के लिए परियोजना, पार्किंग, पार्क, खेल मैदान, आधुनिक कूड़ा से बिजली बनाने का संयंत्र लगवाने, बुक कैफे व अन्य परियोजनाओं की शुरुआत कर शहर के विकास को जनता की भागीदारी से उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप दिशा दी गई।*

सीपीएम नगर निगम व सरकार की निजीकरण, महंगाई, बेरोजगारी व असमानता पैदा करने वाली नीतियों के विरुद्ध निरंतर संघर्षरत रहीं है और वैक्लपिक नीतियों के लिए कार्य करती रही है। इस चुनाव में भी मुख्यता इन्ही चुनावी मुद्दो के साथ जनता के बीच जाएगी।

Deepika Sharma

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