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बड़ी खबर: सीमाओं पर नशे को लेकर आकस्मिक जांच को और तेज करने के निर्देश

राज्यपाल ने नशे के खिलाफ लड़ाई में समाज के सभी वर्गों से सहयोग की अपील की

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राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि प्रदेश को नशामुक्त बनाना उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए लोगों से प्रत्येक स्तर पर सहयोग करने की अपील की है ताकि युवाओं को नशे के चंगुल में फंसने से बचाया जा सकेे।
राज्यपाल ने आज राजभवन में नशामुक्ति तथा नशीले पदार्थों की तस्करी पर रोक से संबंधित विषयों पर पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि समाज को नशामुक्त बनाने के लिए पंचायती राज, शैक्षणिक संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, समुदाय आधारित संगठनों, अनुसंधान संस्थानों, विशेषज्ञों तथा आम नागरिकों द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है। नशे के विरुद्ध आमजन में जागरूकता लाने के लिए अन्य सामाजिक संगठनों के साथ पुलिस बल का कर्तव्य बेहद महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, नशीले पदार्थों की तस्करी को समाप्त करने के लिए सीमावर्ती राज्यों के पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की जा सकती है, ताकि इस बुराई को जड़ से समाप्त किया जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पदभार ग्रहण करने के उपरान्त प्रधानमंत्री से भेंट के दौरान भी उनकी इस मुद्दे पर चर्चा हुई। इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए एक योजनाबद्ध रणनीति तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने राज्य पुलिस विभाग द्वारा प्रतिदिन लगाए जाने वाले नाकों के दौरान नशीले पदार्थों को पकड़ने पर सन्तोष जताते हुए कहा कि विभाग नशाखोरी तथा इसके दुष्परिणामों के बारे में समाज को जागरूक कर रहा है।
शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन के लिए जाना जाता है तथा यह राज्य की आर्थिकी का अभिन्न अंग है लेकिन पर्यटन की आड़ में प्रदेश में नशीले पदार्थों की तस्करी को सहन नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी अब एक संगठित अपराध की तरह संचालित की जा रही है और पुलिस को नशे के सरगनाओं को पकड़ने के लिए और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसके दृष्टिगत पुलिस को राज्य की सीमाओं पर आकस्मिक जांच को और तेज करना चाहिए ।
उन्होंने नशीले पदार्थों के विरुद्ध विशेष अभियान ‘प्रधाव’ आरम्भ करने के लिए राज्य सीआईडी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास नशाखोरी के खिलाफ जागरूकता लाने में प्रभावी सिद्ध होंगे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने पुलिस विभाग द्वारा आरम्भ किए गए ‘प्रधाव’ अभियान के तहत सुझाए गए पांच समाधान भी जारी किए।
पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने इस विषय पर महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करने के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में पुलिस बल को इस गंभीर मुददे को सुलझाने में नई ऊर्जा और नई दिशा प्राप्त होगी। उन्होंने राज्यपाल को नशीले पदार्थों और अवैध नशा तस्करी पर रोक के सम्बन्ध में पुलिस बल द्वारा उठाये गए कदमों और किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी अवगत करवाया।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अभिषेक त्रिवेदी ने राज्य में नशीले पदार्थों के उपयोग और अवैध तस्करी की समस्या के बारे में एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल त्रिवेदी ने ‘प्रधाव अभियान’ के बारे में जानकारी प्रदान की।
बैठक के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों के 10 पुलिस अधीक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए और नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी से निपटने के लिए की गई तैयारियों व चुनौतियों के बारे में अवगत करवाया।
राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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Deepika Sharma

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