स्कूलों को वर्तमान में बच्चों की संख्या के आधार पर डेनोटिफाई करना उचित तोो है लेकिन इसका क्या आधार हििमाचल में सही लिया गया है इस बाबत कई सवाल उठे हैं। कई शिक्षक संघ ने इसे लेकर आवाज उठाई है कि सरकार के मंत्रिमंडल केे फैसले द्वारा कई पाठशालाओं को डिनोटिफाई करने संबंधी जो फैसला लिया गया है,हिमाचल प्रदेश राजकीय सी & वी अध्यापक संघ जिला चम्बा ने उसका स्वागत है परंतु कुछ बिंदुओं पर संघ ने कई सवाल खड़े किए हैं।ताकि इस फैसले पर पुनर्विचार किया जा सके।
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ये उठाए गए है सवाल
विद्यालय शीतकालीन हैं उनमें तो 9वीं 10वीं , 11वीं ओर 12 वीं कक्षा के साथ साथ अन्य कक्षाओं में दाखिले 13 फरवरी से शुरू हुए हैं और छात्रों ने दाखिले अप्रैल महीने में भी लेने हैं । सूत्रों के मुताबिक जबकि डीनोटिफाई करने के लिए पुरानी एनरोलमेंट को ही आधार बनाये जाने की कोशिश की जा रही है । इसमें कम से कम मार्च के प्रथम सप्ताह और अप्रैल महीने की छात्रों की इनरोलमेंट को आधार बनाया जाना चाहिए था।
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ये कौनसा दिया गया है डाटा
संघ के मुताबिक विभाग द्वारा डिनोटिफाई करने के लिए जो डाटा दिया गया है वह शीत कालीन अवकाश के दौरान ओर उससे पहले का है , जबकि पाठशालाएं खुलने पर ही बच्चों ने दाखिला लेना था, इन विद्यालयों को डिनोटिफ़ाय करने से पहले सर्कुलर के माध्यम से नई नामांकन सूची को आधार बना कर निर्णय लिया जाए ।
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ये किया है आग्रह
संजय ठाकुर जिलाध्यक्ष हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ जिला चम्बा, दीप सिंह खन्ना HP SLA जिला अध्यक्ष चंबा ,चतर सूर्यवंशी
अध्यक्ष चंबा सी एंड वी केटेगेरी ने भी सरकार से विनम्र निवेदन किया है कि इस विषय पर जनहित में पुनः विचार करें ।



