EXCLUSIVE: हिमाचल के एक सरकारी आश्रम में अपने बच्चों से फोन पर बात करने के लिए तड़पती रही मां
प्रशासन करता रहा टालमटोल, बाद में दी फोन खराब होने की दलील
आश्रम में अपने बच्चों से फोन पर बात करने के लिए दस दिन से एक मां तड़पती रही। लेकिन इस आश्रम के प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। मां (मीना) काल्पनिक नाम का कहना है कि वह काफी समय से अपने दो बच्चों से फोन पर संपर्क करने की कोशिश कर रही थी लेकिन जब फोन करती है तो कभी कहा जाता है कि बच्चे आश्रम में है और कभी कहा जाता है कि बच्चे स्कूल में है। कहा जाता रहा की
अभी बात नहीं हो सकती है। मीना का कहना है कि बीस फरवरी को बच्चों को हिमाचल के एक आश्रम में छुट्टियों के बाद वापस भेजा गया था। जिसके बाद मां ने दोनों से बात करने की कोशिश की लेकिन वह नहीं हो पाई। प्रशासन के लिए भले ही यह बात छोटी सी लगती हो लेकिन मीना का कहना है कि वह डर गई थी कि उसकी बात उसके बच्चों से क्यों नहीं हो पा रही?
मीना कई बार लैंडलाइन पर कॉल करती रही लेकिन उसके बाद उसकी बात नही हो पाई और वह बहुत परेशान हो कर रह गई।
मीना का कहना है कि प्रशासन इसे लेकर गंभीरता से कदम उठाना चाहिए । जानकारी के मुताबिक काफी जद्दोजहद के बाद मामला उठाया गया और असर न्यूज द्वारा आश्रम से संपर्क किया गया । जिसके बाद बच्चों से महिला की बात करवाई गई।
मीना का कहना है कि भले ही बच्चों को आश्रम में रखकर उनके अभिभावकों पर बहुत बड़ा आभार प्रदेश सरकार द्वारा व्यक्त किया गया है लेकिन अभिभावकों का दिल उस समय काफी डर जाता है जब उनकी बात उनके बच्चे जो आश्रम में रह रहे हैं उनसे समय पर नहीं हो पाती है।
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बालिका आश्रम के प्रशासन ने ये दी दलील
बालिका आश्रम के प्रशासन ने यह दलील दी कि उनका फोन खराब था। जिससे अभिभावकों का संपर्क नहीं हो पाया।
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बनाई जाए व्यवस्था
अभिभावक जो आश्रमों में अपने बच्चों को छोड़ते हैं उनसे बात करने के लिए एक पुख्ता व्यवस्था की जाए। जिसमें संचार व्यवस्था पर भी कड़ी नजर रखी जानी चाहिए
अभिभावकों का कहना है कि जब बच्चे आश्रम में छोड़ते हैं तो अभिभावक उम्मीद करते हैं कि उनके बच्चे सुरक्षित हो और वह अपने बच्चों से समय पर बात कर सके।



