भाग 2
हिमाचल के मेडिसिन डिसटीब्यूटर्स सरकार को 25 हजार की सिक्योरिटी नहीं देंगें। ये फैसला हिमाचल के ड्रग्स एंड केमिस्ट एसोसिएशन ने लिया है। इसकी पुष्टि करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव पंडित का कहना है कि सरकार का यह गलत फैसला है और इस बारे में प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की जाएगी
गौर हो कि स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन की ओर से जारी किए गए आदेशों ने हिमाचल के लगभग 5000 मेडिसिन डिसटीब्यूटर्स को हैरानी में डाल दिया है।
मामला ये है कि स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन की ओर से हिमाचल के सभी डिस्ट्रीब्यूटर्स को 25000 की राशि सिक्योरिटी के तौर पर जमा कराने के आदेश दिए हैं। जिन आदेशों को हिमाचल के ड्रगिसट और कैमिस्ट एसोसिएशन ने सिरे से नकार दिया है।
अब सवाल तो यह उठ रहा है कि हिमाचल के कई डिस्ट्रीब्यूटर्स का यह कहना है कि उनकी लाखों की पेमेंट सिविल सप्लाई की ओर से अटकी पड़ी रहती है। सवाल यह उठाया जा रहा है सरकार आखिर किसे फायदा देने जा रही है?
ऐसे में आखिरी सिक्योरिटी जमा कराने के आदेश किस आधार को लेकर प्रदेश सरकार ने जारी किए हैं? उधर स्टेट केमिस्ट एंड ड्रगिसट एसोसिएशन ने सभी डिस्ट्रीब्यूटर्स को सिक्योरिटी की राशि जमा नहीं करवाने के निर्देश दिए हैं, सभी डिस्ट्रीब्यूटर्स को कहा गया है कि जब तक सरकार को ज्ञापन नहीं सौंपा जाएगा यानी कि सरकार की ओर से इस पहलू पर कोई जवाब नहीं आएगा तब तक कोई भी राशि स्टेट सिविल सप्लाई को जमा नहीं करवाई जाय।
हालांकि पहले यह नियम के तहत निर्देश जारी हुए थे कि 15 से 20 दिन के भीतर सिविल सप्लाई अपने डिसटीब्यूटर्स के सामान को लेकर लंबित पेमेंट की अदायगी करेगा लेकिन ऐसा सिविल सप्लाई नहीं कर पाई और डिस्ट्रीब्यूटर्स की लाखों की पेमेंट लटकी पड़ी रहती हैं।
अब जारी किए गए इन आदेशों को लेकर सभी मेडिसिन डिसटीब्यूटर्स ने हैरानी इसलिए भी जताई है क्योंकि जब उनकी ही लाखों की पेमेंट कई सिविल सप्लाई ने नहीं दी है तो ऐसे में 25000 की सिक्योरिटी जमा कराने का क्या औचित्य बनता है।
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हिमाचल में लगभग 5000 मेडिसिन डिसटीब्यूटर्स
हिमाचल में डिस्ट्रीब्यूटर की संख्या पर गौर करें तो लगभग 5000 से मेडिसिन डिसटीब्यूटर्स बताए जा रहे हैं जो हिमाचल में सक्रिय हैं ।



