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असर बेबाक आवाज़: बेटा सुधर जाओ इन सब में कुछ नहीं रखा
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असर पर बेबाक आवाज़
बेटा सुधर जाओ इन सब में कुछ नहीं रखा। पढ़ाई खेल और संगीत साधना में विफल होने के पश्चात इन तीनों का मिश्रण कर क्यूं इनका सत्यानाश कर रहे हो एसा प्रतीत होता है मानो किसी भद्दे खेल में टुच्चे बोल और कर्कश संगीत डाल कर उछल कूद कर रहे हो। समकालीन संगीत के नाम पर राग और नृत्य की हत्या न करो वादन यंत्रों की मधुरता नष्ट मत करो, ऐसी कलाओं से हो सकता है कुछ समय के लिए विख्यात हो जाओ परन्तु महान कलाकार कदापि नहीं बन पाओगे।
ईश्वर तुम्हारा भला करे
Get well soon.
बेबाक लेखक



