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असर विशेष: सेवा करने वाले हाथ प्रार्थना करने वाले होठों से कहीं अधिक पवित्र हैं
असर पर बेबाक आवाज़,।।
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असर पर बेबाक आवाज़
हे जैन मुनि, आप भी नंगे घूम कर पागल भक्तों की मूर्ख आस्था का फ़ायदा उठा वीआईपी सुविधाएं लेने के बजा काम धंधा कर जीवनयापन करना सीखो, सेवा करने वाले हाथ प्रार्थना करने वाले होठों से कहीं अधिक पवित्र हैं और ज्ञान पेलने वाले अज्ञानियों के ढकोसलों से तो कहीं उत्तम सबसे पहले अपने सेवादारों और भक्तों से कहो अपना कर्म करो और अगर समय मिले तो किसी असहाय की मदद में जीवन लगा दो। और हां विश्व के बड़े बड़े विकसित देशों में स्वास्थ्य शिक्षा और जमीनी स्तर की बुनियादी सुविधाएं मुफ्त हैं और वे हमसे सोच और गुण में कहीं आगे हैं। इसीलिए राजनीती मत करो कपड़े तो पहले ही उतरे हुए हैं कहीं कोई टोकरी भी न छीन ले जिसमें ख़ुद को छिपाते फिरते हो।


