बदलाव: कोविशील्ड की पहली डोज लगवाने के 12 से 16 सप्ताह बाद लगेगी दूसरी डोज

कोविशील्ड की पहली डोज लगवाने के 12 से 16 सप्ताह बाद लगेगी दूसरी डोज लगेगी
स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र सरकार से प्राप्त सूचना के अनुसार कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड लगाने के लिए पहली व दूसरी डोज लगवाने के बीच के समय को बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि एनटीएजीआई और एनइजीवीएसी की सिफारिशों के अनुसार कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज, पहली डोज के 12 से 16 सप्ताह बाद लाभार्थी को दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस व्यवस्था का पालन किया जाएगा और राज्य में कोविन पोर्टल पर इस संबंध में आवश्यक परिवर्तन शीघ्र किया जाएगा। उन्होंने राज्य के उन लाभार्थियों से जो कोविशील्ड वैक्सीन की पहली डोज लगवा चुके है, दूसरी डोज लगवाने के लिए नई सिफारिशों के अनुसार 12 से 16 सप्ताह का इंतजार करने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग में 17 मई, 2021 से केवल उन्हीं लाभार्थियों का टीकाकरण किया जाएगा, जिनकी कोविन पोर्टल पर पंजीकरण के आधार पर टीकाकरण के लिए अप्वाईटमेंट निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने टीकाकरण के लिए पूर्व में अपना पंजीकरण करवाया है, उन्हें टीकाकरण के लिए पोर्टल पर अपनी अप्वाईंटमेंट फिर से निर्धारित करनी होगी। उन्होंने 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों से आग्रह किया है, कि वे उनके लिए पोर्टल पर निर्धारित शेडयूल के अनुसार ही टीकाकरण के लिए टीकाकरण केंद्र पर जाए, क्योकि बिना निर्धारित शेडयूल के टीकाकरण नहीं किया जाएगा।
एंबुलेंस सेवा मजबूत..
उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में राष्ट्रीय एम्बुलेस सेवा 108 तथा जेएसएसके 102 के 123 वाहन कोविड सेवाओं के लिए समर्पित है। इसके अलावा, प्रशासन तथा रेडक्राॅस जैसी संस्थाएं भी इस उद्देश्य में अपना योगदान दे रही है। उन्होंने सभी जिलों के संबंधित जिला प्रशासनिक अधिकारियों को कोविड-19 के मरीजों की वाहन सुविधा के लिए सेना, अर्धसैनिक बल, ईएसआई, जल विद्युत परियोजनाओं आदि में उपयोग किए जा रहे वाहनों की संभावित उपलब्धता तलाशने के लिए कहा, ताकि कोरोना मरीजों के लिए एम्बुलेंस सुविधा समय पर सुनिश्चित की जा सके।
स्वास्थ्य सचिव ने सभी जिला प्रशासनिक अधिकारियों को कोविड के मरीजों के लिए राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवा 108 की एम्बुलेंस का उपयोग करने का परामर्श दिया, क्योकि ऐसे मरीजों को लंबी दूरी तय करने के दौरान आॅक्सीजन की अधिक मात्रा में आवश्यकता रहती है। इसके अतिरिक्त, कम दूरी तय करने वाले मरीजों की वाहन सुविधा के लिए जे.एस.एस.के. 102 एम्बुलेंस सेवा का उपयोग किया जाना चाहिए, जिसमें आवश्यकता अनुसार छोटे आॅक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध होते है। उन्होंने कहा कि जिन मरीजों को आॅक्सीजन की आवश्यकता नहीं है या ठीक हो चुके मरीजों को वाहन सुविधा प्रदान करने के लिए नाॅन एम्बुलेंस वाहनों का उपयोग किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि 11 अप्रैल, 2021 तक अप्रैल माह के दौरान कोविड से संबंधित आपतकालीन स्थितियों के लिए कुल 2360 बार एम्बुलेंस भेजी गई है, जिसमें से 63 प्रतिशत काॅल कोविड समर्पित एम्बुलेंस और 37 प्रतिशत नाॅन-कोविड आपातकालीन सेवाओं के लिए भेजी गई है।



