EXCLUSIVE: पीजीआई ने बताया हिमाचल में कोविड वैक्सीन से हुई मौत का सच
आईजीएमसी ने पीजीआई भेजा था सैंपल, अब आई रिपोर्ट

हिमाचल में कोविड वैक्सीन लेने के बाद महिला की मौत का सच सामने आया है। आईजीएमसी से पीजीआई भेजी गई सैंपल की जांच रिपोर्ट अब आईजीएमसी आ गई है। जिसमें मृतक को गुलियन बेरी सिंड्रोम निकला है। पीजीआई से आईजीएमसी को प्राप्त रिपोर्ट के बाद उसे प्रदेश स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया गया है। जिमसे संबंधित बीमारी का पूरा ब्यौरा प्रदेश सरकार को सौंपा गया है।
लंबे समय से इस रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था।फिलहालइसकी पुष्टि आईजीएमसी के मेडिसिन स्टोर इंचार्ज डॉक्टर राहुल गुप्ता ने की है। उनका कहना है कि पीजीआई से मृतक की रिपोर्ट आ गई है। जिसमें मृतक को गुलियन बेरी सिंड्रोम निकला है।

डॉक्टर राहुल
गौर हो कि आईजीएमसी में हमीरपुर जिले की रहने वाली 56 साल की प्रोमिला देवी की मौत हो गई थी। महिला, टीकाकरण के बाद से बीमार चल रही थी। उन्होंने डाक्टरों से चैकअप करवाया, जिसके बाद उन्हें हमीरपुर रैफर किया गया। तबीयत ज्यादा बिगड़ जाने के कारण उन्हें 6 फ़रवरी को टांडा मेडिकल कालेज रैफर कर दिया गया। 20 फरवरी को महिला की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। इसके चलते चिकित्सकों ने इसे आईजीएमसी रैफर कर दिया। आईजीएमसी में महिला की मौत हो गई थी।
इसके कारण लोगों के मन में वैक्सीनेशन को लेकर कई सवाल पैदा हो गए थे । जिन सवालों का जवाब देने के लिए आईजीएमसी में एक प्रेस वार्ता के जरिए एम एस डॉक्टर जनक ने भी बताया था कि अभी तक हमारे पास जो उपलब्ध दस्तावेज हैं।उनके आधार पर इनकी मौत कोरोना वैक्सीनेशन के कारण नहीं हुई है बल्कि उन्हें एक बल्कि उन्हें एक “गुलियन बेरी सिंड्रोम” नामक रोग होने की संभावना जताई गई थी। फिलफल अब पीजीआई ने भी इसकी पुष्टि की है।
इस बीमारी के कारण शरीर में कमजोरी होने लगती है , हाथों और पैरों में झुनझुनी होने लगती है। गुलियन बेरी सिंड्रोम यह एक स्वप्रतिरक्षित रोग हैं।गुइलेन-बेरी सिंड्रोम एक ऐसी दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है जिसमें इम्यून सिस्टम खुद पर ही नकारात्मक तरीके से हावी हो जाता है। इस कंडीशन में शरीर में मौजूद इम्यून सिस्टम तंत्रिका तंतुओं (nerve fibres) पर स्वयं के प्रोटेक्टिंग कोटिंग्स पर अटैक करता है। आमतौर पर यह सिंड्रोम एक बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन के कारण होता है।



