विशेष

बड़ा सवाल: एनजीटी की रोक थी तो कानूनी मंजूरी लेकर क्यों नहीं बनाया डेवलपमेंट प्लान

चुनावी साल में लोगों को किया गुमराह पहले ही एनजीटी की रोक थी तो कानूनी मंजूरी लेकर क्यों नहीं बनाया डेवलपमेंट प्लान: गौरव शर्मा,प्रदेश प्रवक्ता आप* 

 

 

 

शिमला सिटी डेवलपमेंट प्लान पर एनजीटी की रोक के बाद प्रदेश की भाजपा सरकार एक बार फिर सवालों के घिरी है। सिटी डेवलपमेंट प्लान को लेकर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बीजेपी ने चुनावी वर्ष में शिमला की जनता को लुभाने के लिए शिमला सिटी डेवलपमेंट प्लान लेकर आई थी लेकिन बिना विजन और बिना सोच समझकर भाजपा की सरकार ने यह प्लान बनाया जिस पर एनजीटी ने रोक लगा दी। बीजेपी सरकार ने आनन फानन में कैबिनेट से भी मंजूरी दे दी लेकिन विधि विभाग में यह लटका पड़ा। बाद में एनजीटी में पूर्व में गए अभ्यर्थियों ने इस पर स्टे ले लिया जिसके बाद इस पर रोक लग गई है। आखिर इससे सरकार की मंशा साफ दिखाई देती है कि वह शहर की जनता के प्रति गम्भीर नहीं है।यदि यह झूठ बोलने वाली सरकार गम्भीर होती तो आज बात कुछ और होती।

WhatsApp Image 2025-08-08 at 2.49.37 PM

 

उन्होंने कहा कि शिमला का डेवलपमेंट प्लान लाने का काम लोगों की भावनाओं से एक खेल साबित हुआ है। 2017 में एनजीटी ने शहर में ढाई मंजिल से ज्यादा भवन निर्माण पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही भविष्य में इसमें किसी भी तरह का काम करने से पहले कानूनी मंजूरी लेने की बात कही थी। इसके बावजूद राज्य सरकार ने चुनावी लाभ लेने के लिए लोगों की भावनाओं से खेलते हुए बिना ही कानूनी सलाह के चुनावी साल में लोगों को गुमराह करने के लिए यह डेवलपमेंट प्लान बनाया था। जिसे कैबिनेट से मंजूर करवा कर भी लोगों को गुमराह किया जा रहा था। कैबिनेट की मंजूरी के बावजूद इसकी नोटिफिकेशन जारी नहीं की गई थी इससे पहले ही शक के दायरे में एनजीटी ने सरकार की सारी पोल खोल कर रख दी है। इससे इनकी सच्चाई सामने आ गई है कि यह लोगों को गुमराह करने के लिए ही काम कर रही थी। इसके अलावा लोगों को राहत देने की कोई भी मंशा भाजपा सरकार की नहीं है। भाजपा का यह हाल शिमला में ही नहीं बल्कि पूरे देश में ऐसा हाल है। यह लोगों को गुमराह करने का काम कर रहा है हालांकि जमीन पर काम करने की मंशा नहीं है और ना ही नियत है। हैरानी की बात तो यह है कि राज्य सरकार ने वकीलों की एक लंबी फौज कानूनी पैरवी के लिए किराए पर ले रखी रखी है और आम जनता की गाढ़ी कमाई इन पर लुटाई जा रही है। सरकार ने इनसे सलाह लेने की जहमत नहीं उठाई गई। इसका खामियाजा अब शहर के भवन मालिकों से लेकर भू मालिकों को भुगतना पड़ेगा । आम आदमी पार्टी सरकार से मांग करती है कि शहर की जनता और तीन विधानसभाओं के लोगों को राहत देने के लिए जल्द बेहतर सिटी डेवलपमेंट प्लान लाया जाए।

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close