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हिमाचल में पुलिस पेपर फिर लीक,अभी भी सरकार को नही मिल रही है सीख।जोगटा।

 

 

प्रदेश आम आदमी पार्टी ने हिमाचल सरकार पर पुलिस जैसे संवेदनशील विभाग की कार्य प्रणाली पर फिर एक बार प्रशनचिन लगाया है। जब की पुलिस महकमा एक ऐसा महकमा है जो अपने आप तो चौकना रहता ही था साथ में प्रदेश की कानून और व्यवस्था जेसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी पेनी नजर रखता था। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात यहां पर ये देखते ही बनती है कि पुलिस विभाग आज खुद ही कटघरे में खड़ा हो गया है।

 

आलम ये रहा कि विभाग में कांस्टेबलों के 1700 पदों के लिए 27.3.22,को पेपर होने निश्चित हुए थे और 5.3.22 को परिणाम निकले।

 

इसी मध्य ड्यूटी पर तैनात कुछ पुलिस अधिकारियों को 2-3 ऐसे उम्मीदवारों पर शंका हुई जिनके मैट्रिक में 50% नंबर थे और उन्होंने पुलिस पदों के पेपर में 70% के आस पास नंबर हासिल किए। जब उन उम्मीदवारों से गहन पूछताछ की गई तो खुलासों की परते खुलती गई। पता चला है कि पुलिस की लिखित भर्ती वाले उक्त पेपर 6 से -8 लाख तक बीके। इस कड़ी में पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई गई । जिसके चलते पुलिस ने आधी रात को चार लोगों को हिरासत में लिया। उनके नाम है मनीष कुमार भरेरी गांव नूरपुर तहसील, गौरव भडीयारा गांव कांगड़ा जिला, मनीष चौधरी कटिहार गांव फतेहपुर, अशोक कुमार पासु गांव धर्मशाला।

 

इसके चलते पुलिस विभाग ने डीआईजी मधुसूदन की अधक्षता में एक एस आई टी का भी गठन किया है।मधुसूदन के इलावा इस एस आई टी में एसपी विवेक रंजन, एसपी क्राइम, खुशाल शर्मा, एसपी सीआईडी वरिंदर कालिया जो इस पूरे मामले की जांच करेंगे।

 

इसी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साधी हुई है।उन्होने उक्त लिखित परीक्षा को रद करने की घोषणा कर डाली।

 

मुख्यमंत्री की इस घोषणा से उन 74000 मेहनती उम्मीदवारों की मेहनत पर पानी फिर गया जिन्होंने पूरे दिलों जान से मेहनत करके उक्त लिखित परीक्षा पास करने की पूरी उम्मीद पाल रखी थी।

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लेकिन अफसोस।

उक्त भ्रष्टाचार का प्रदेश में ये कोई पहला मामला नहीं है।

पुलिस में ही इस तरह की वारदातें 2 बार हो चुकी है।

 

दूसरे विभागों,विश्विद्यालय, निग्मो में भी इस तरह की घटनाएं देखने को मिलती रही है।

 

प्रदेश आम आदमी पार्टी ने प्रदेश सरकार पर एक बार पुन:आरोप लगाया है कि जो सरकार विकास के साथ साथ भ्रष्टाचार मुक्त होने का जो नारा अक्सर अलाप्ति रहती थी वो आज कहीं दूर दूर तक नजर नही आ रहा है।इससे सरकार की कथनी और करनी में भी फर्क नजर आ रहा है।

 

शिमला से प्रैस को जारी एक बयान में प्रदेश आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एसएस जोगटा ने आगे शंका जताई है कि सरकार द्वारा बिठाई गई एस आई टी क्या सही मायने में जांच करने में कामयाब होगी?

 

यदि जांच सही दिशा में चलती होती तो आज तक जितनी भी जांचे हुई है उनका क्या हुआ और कितने दोषियों को सलाखों के पीछे ढकेला गया। कितनो को सजा हुई है?

 

इसलिए सरकार पूर्व में भी ऐसी तमाम तरह की जांचों के परिणामों का शवेत पत्र जनता के सामने रखे।

 

जोगठा ने आगे कहा कि इस तरह का आलम प्रदेश में आज तक नही हुआ। जिस तरह से आज लाखों लाखो बेरोजगारों को सरकार की नाक के नीचे पनम रहे ऐसे गोरख धंधे जैसे बखेड़ों से गुजरना पड़ रहा है।

 

बाकी प्रदेश के सर्वांगीण विकास और दूसरे पहलुओं पर भी यदि प्रकाश डाला जाए तो वहां पर भी सरकार आज तक कटघरे में ही खड़ी है। क्योंकि प्रदेश की जनता सब जान चुकी है। जिसका खामियाजा प्रदेश के लाखों बेरोजगारो और आम जनता को उनके बगैर किसी कसूर के ही भुक्त्ना पड़ रहा है। लेकिन इसके रहते सरकार का हश्र भी इस चुनावी वर्ष में बहुत बुरा होने जा रहा है।

 

Deepika Sharma

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