EXCLUSIVE: हिमाचल में बिन रजिस्ट्रेशन के चल रहे एक्स रे-सीटी स्कैन सेंटर का खुलासा
हैल्थ सेफ्टी रेगुलेट्री निदेशालय ने जारी किए नोटिस
स्वास्थ्य से खिलवाड़: भाग 1
स्टेट हैल्थ को एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड की ओर से नोटिस जारी किया गया है। इसमें परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद में अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर सवाल उठाए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश के लगभग 70 फीसदी सरकारी अस्पताल और 50 फीसदी निजी अस्पतालों ने एईआरबी में रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवाया है। यानी बोर्ड के नियम के तहत अस्पतालों के एक्स-रे और सीटी स्कैन सेंटर्स की जगह वहां पर काम करने वाले डाक्टर्स और रेडिएशन की मात्रा कितनी होनी चाहिए व सुरक्षा और रेडिएशन देने के क्या मापदंड होने चाहिएं आदि बातों पर परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद में अस्पताल को पंजीकृत होना पड़ता है। इन सेंटर्ज के काम पर जांच की टीम सहित लाइसेंस की पूरी कार्यप्रणाली को लेकर बोर्ड में पंजीकृत किया जाता है। नोटिस के बाद हैल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन डिपार्टमेंट ने भी गंभीरता जाहिर की है, जिसमें प्रदेश के मेडिकल कालेजों के प्रिंसीपल और सभी जिला के सीएमओ को नोटिस जारी कर दिए गए हैं, जिसमें निदेशक की ओर से कहा गया है कि जल्द बोर्ड में रजिस्ट्रेशन करवाया जाए।
मामला क्यों है गंभीर
मामला गंभीर इसलिए भी है, क्योंकि रेडिएशन यदि सही ढंग से मरीज को न दिया जाए तो उसे कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है। वहीं, जो डाक्टर मरीज को रेडिएशन देगा, यदि वह सही ढंग से न दिया जाए तो उसके खुद के स्वास्थ्य को भी खतरा पैदा हो सकता है।
○ जांच के बाद कई केंद्रों पर लटक सकते हैं ताले
परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद में यदि अस्पताल पंजीकृत नहीं किए तो प्रदेश स्वास्थ्य को बड़ा झटका लग सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि जांच पर टीम आई तो प्रदेश के सरकारी ही नहीं, बल्कि निजी एक्स-रे व •सीटी स्कैन सेंटर्ज पर भी ताला लग सकता है। नियम के मुताबिक बोर्ड में पंजीकरण होने का यह भी मरीज के लिए लाभ है कि उसे विश्वास रहे कि जिस जगह उसे रेडिएशन दी जा रही है, वहां से उसे कोई दूसरी बीमारी तो नहीं लग रही।
क्या कहते है असिस्टेंट डायरेक्टर, रेडियेशन सेफ्टी

हैल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेट्री विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर “रेडियेशन सेफ्टी “विनोद चौहान का कहना है कि प्रदेश के कई सरकारी और निजी अस्पतालों के प्रिंसिपल को इस बाबत नोटिस जारी किए गए हैं। यदि पंजीकरण नहीं हुआ तो आगामी कार्रवाई जारी हो जाएगी।



