EXCLUSIVE: श्रवण बाधित बच्चे का जब स्कूल बना मौत का आंगन
ढली स्थित दृष्टिबाधित एवं मूक-बधिर बच्चों के विशेष स्कूल के एक विद्यार्थी की पहाड़ी से गिरने पर मृत्यु

इसे उस बच्चे की बदकिस्मती ही कहेंगे कि श्रवण बाधित होने के बावजूद उसे शिक्षा के मंदिर में पढ़ने का दरवाज़ा तो खुला लेकिन वही स्कूल उसके मौत का आंगन बन गया।
शिमला के ढली स्थित दृष्टिबाधित एवं मूक-बधिर बच्चों के विशेष स्कूल के एक विद्यार्थी की पहाड़ी से गिरने पर मृत्यु हो गई। ढली में ही रहने वाला यह बच्चा दसवीं में पढ़ता था और मूक-बधिर था। उसकी दुखद मौत से स्कूल के अन्य बच्चे सदमे में हैं।
गुरुवार शाम को पांच बजे बच्चे स्कूल के पास ही खेल रहे थे। उनकी बॉल जंगल में चली गई जिसे ढूंढने के लिए कुछ बच्चे उधर गए। उसी समय वह बच्चा बुरांश के फूल तोड़ने के लिए पेड़ पर चढ़ गया। बताते हैं कि पेड़ से गिरने के बाद वह लुढ़कता हुआ पहाड़ी ढलान से सड़क तक आ गया और जान से हाथ धो बैठा।
हालाकि ये सामने आ रहा ही कि
सुरक्षा के बीच बच्चे खेल के पीरियड में बाहर खेल रहे थे लेकिन संयोग ये रहा कि दसवीं का ये बच्चा बॉल लेने गया। बताया जा रहा है कि उसका एक अन्य भाई भी श्रवण बाधित है और उसके पिता दिल्ली में ही रहते हैं और सेल्स का काम करते हैं। अभी सदमे में ढली स्कूल का पूरा स्टाफ है।