
हिमाचल के लिए ये सबसे बड़ा गौरव का क्षण है कि हिमाचल के नामी कलाकार सोमदत्त बट्टू को कला संस्कृति मंत्रालय की ओर से संगीत में सर्वोच्च पुरस्कार प्रदान किया गया है। संगीत नाटक अकादमी का ये पुरस्कार केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के संगीत नाटक अकादमी के तहत दिया गया है। हिमाचल में किसी भी संगीतज्ञ को मिलने वाला ये प्रथम पुरस्कार है
और बताया जा रहा है कि प्रोफेसर बट्टू को यह सम्मान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने दिया गया है। इसे लेकर सोमदत्त बट्टू ने कहा कि यह पुरस्कार पूरे हिमाचल की जनता के लिए समर्पित है हिमाचल की मिट्टी में हवा में पानी में संगीत घुलता है और यह बहुत मीठा संगीत है जिसे आज भारत सरकार ने सम्मान दिया है। हिमाचल लोक संस्कृति के उत्थान में अप्रतम काफी बड़ा योगदान रहा है। इन्हे एक लाख नकद पुरस्कार में साथ प्रशस्ति पत्र भी सौंपा गया है। गौर हो कि इनके शिष्य राज्य ही नहीं हिमाचल से बाहर भी संगीत के अध्यापक और प्राध्यापक के पद पर संगीत की शिक्षा प्रदान कर रहे हैं और इस खबर को लेकर पूरा संगीत समाज काफी उत्साहित है।
कार्यक्रम के अवसर पर उपराष्ट्रपति, एम. वेंकैया नायडू ने आज स्कूलों और अभिभावकों से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत बच्चों को उनकी पसंद के किसी भी कला रूप को सीखने के लिए प्रोत्साहित करने का आह्वान किया। अपनी जड़ों की ओर वापस जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने भारतीय समाज में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा, “पश्चिमी संस्कृति के प्रति दीवानगी के कारण कठपुतली जैसे हमारे समृद्ध पारंपरिक लोक कला रूप लुप्त हो रहे हैं। उन्हें न केवल सरकारों बल्कि बड़े पैमाने पर समाज की सक्रिय भागीदारी के साथ पुनर्जीवित किया जाना है।” यह देखते हुए कि कम उम्र में रचनात्मकता और कला के संपर्क में आने से बच्चों को अपने परिवेश के बारे में अधिक जागरूक बनने और उन्हें अधिक सार्थक जीवन जीने में मदद मिलेगी,

पाश्चात्य संस्कृति के प्रति दीवानगी न केवल सरकारों बल्कि बड़े पैमाने पर समाज की सक्रिय भागीदारी के साथ उन्हें पुनर्जीवित करना होगा।” उपराष्ट्रपति संगीत नाटक अकादमी और ललित कला अकादमी फैलोशिप के साथ-साथ 2018 के अकादमी पुरस्कार और कला पुरस्कारों की 62वीं राष्ट्रीय प्रदर्शनी के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने विभिन्न कलाकारों को प्रदर्शन कला और ललित कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मान प्रदान किया।

