असर विशेष: हम बोले तो टूटते है सीसी रूल्स आप लगाओ नारे तो कोई गलती नहीं
कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश सरकार से पूछे कई सवाल

प्रदेश कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया है जिसमें कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान का कहना है कि बीते चंद दिन पहले आयोजित कर्मचारी संघ के कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के पक्ष में कर्मचारियों ने नारे लगाए जिसमें “हर बार भाजपा सरकार” जय श्री राम के ” नारे लगाए गए, लेकिन उस समय सरकार के किसी नुमाइंदे ने यह नहीं कहा कि यह सीसी नियम के विरुद्ध है।
महासंघ ने प्रदेश सरकार से सवाल उठाया है कि क्या अपनी आवाज बुलंद कर प्रदेश सरकार के सामने कर्मचारी पक्ष में उठाई गई आवाज ही क्या सीसी रूल्स को तोड़ती है? कर्मचारी महासंघ ने साफ किया है कि यह कर्मचारी राजनीति हो रही है जो गलत है। प्रदेश सरकार को इस तरह की राजनीति से ऊपर उठना चाहिए और कर्मचारी को राजनीति नहीं करनी चाहिए।
महासंघ ने यह भी आरोप लगाया है कि सरकार के पक्ष में जो बोलता है वह चाहे सीसी रूल्स तोड़े या ना तोड़े सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन क्या कर्मचारी अपनी मांग यदि उठाते हैं तो क्या उसे सीसी नियम को तोड़कर f.i.r. कर देनी चाहिए? क्या सीसी रूल्स को प्रदेश सरकार नहीं जानती है? महासंघ ने साफ किया है कि प्रदेश सरकार ने उन्हें बातचीत के लिए नहीं बुलाया है उन्होंने सिर्फ उनके विरुद्ध कार्रवाई की है जो गलत है। महासंघ ने कोई ऐसा गलत काम नहीं किया है जिससे एक कर्मचारी के नियम को तोड़ा जा सके लेकिन बीते चंद दिन पहले कर्मचारी संघ के तहत आयोजित एक कार्यक्रम में यह साफ देखा जा सकता है कि कितने नियम तोड़े गए हैं?
प्रदेश सरकार से पुनः कर्मचारी महासंघ आग्रह करता है कि वह उन्हें बातचीत के लिए बुलाए और कुछ दिन पहले आयोजित किए गए कर्मचारी संघ के कार्यक्रम में कुछ ऐसा तोहफा जनता को नहीं मिल पाया है जो मिलना चाहिए था उनकी मांगे प्रदेश सरकार को भी मजबूत करती है और हिमाचल की रीड की हड्डी को भी मजबूती देती है , लिहाजा उनकी मांगों पर गौर करना चाहिए और दंगल राजनीति से ऊपर उठकर कर्मचारियों की मांगों को मानना चाहिए।




