होली की रंगदार बधाई
ला घट में तेरे आज मै भंग घोल दूं
बेरंग तेरी जिन्दगी में रंग घोल दूं
कब तक घरों में कैद रहेगा मित्र तू
मैं कह तो तेरे मन की पतंग खोल दूं
मन पर सखा तेरे उदासियों का बोझ
कह चाहे जो तू जितना उमंग तोल दूं
अब दोस्त तू और नहीं झील बनके जी
कह तो तुझमें समंदर सी तरंग घोल दूं
जीत हार के बिना मजा भी क्या साथी
चल संग तुम्हारे आज मैं जंग बोल दूं