असर विशेष: हर साल की होली कम से कम दर्जनों लोगों को पड़ जाती है भारी …..जाने क्यों..?

होली उमंग और मस्ती का त्योहार है, लेकिन खुशियों से भरे इस रंग के उत्सव को कुछ चीजें बदरंग भी कर देती हैं। केमिकल युक्त रंगों का प्रयोग ना सिर्फ आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचाता है बल्कि इसका सबसे बुरा प्रभाव आपकी आंखों पर पड़ता है। कुछ लोग होली को इतनी बेढंग तरीके से खेलते हैं कि वह यह भी ध्यान में नहीं रखते की लोगों की आंखों और त्वचा में रंग डालने से इसका रिएक्शन हो सकता है।
इसलिए लोगों को खुद ही अपनी आंखों और त्वचा का ख्याल रखना चाहिए। होली के दौरान यदि हम अपनी आंखो का अच्छे से ख्याल ना रखें तो सूजन, जलन औऱ एलर्जी जैसी शिकायतें हो सकती हैं।
राजधानी शिमला में भी इसी तरह के 4 मामले डॉक्टर के पास आए हैं। राजधानी शिमला के आईजीएमसी में कैजुअल्टी के इंचार्ज डॉ प्रवीण भाटिया का कहना है
कि हर साल होली के बाद इसी तरह के केसों की संख्या उनके पास बढ़ जाती है। उनका कहना है कि होली खेलने के लिए आजकल लोग सिंथेटिक रंगों का इस्तेमाल करते हैं। यह रंग ना केवल हमारे त्वचा और सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता है बल्कि इन रंगों से हमारी आंखो पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए इन रंगों से बचकर रहें तथा होली सूखे गुलाल से खेलें।
असर टीम से भारती की रिपोर्ट…



