EXCLUSIVE: कर्मचारी तबादलों पर कर्मचारियों का बड़ा बयान” झुकेगा नहीं”
परिस्थिति के मुताबिक तबादले वाले स्टेशन पर जरूर जाएंगे लेकिन वहां भी उठाएंगे कर्मचारियों की मांगे

तबादलों को लेकर सरकार की कार्रवाई पर सम्बन्धित कर्मचारी नेताओं का बड़ा बयान आया है जिसमे उन्होंने कहा है कि यदि उनका तबादला कर भी दिया वह अब तब भी अपनी मांग पर डटे हैं । उन्होंने सरकार से समक्ष फिर अपनी आवाज उठाते हुए कहा है कि वह झुकेंगे नहीं वह कर्मचारियों की मांग उठा रहे हैं वह कोई गलत काम नहीं कर रहे हैं। राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान का कहना है कि उन्हें चंबा ट्रांसफर किया गया है। उनके पिता भी सीसीयू में भर्ती हैं। लेकिन वह डरेंगे नहीं वह परिस्थितियों को देखते हुए लेकिन जरूर चंबा जाएंगे लेकिन वहां भी कर्मचारियों के मुद्दे उठाने में गुरेज नहीं करेंगे।
बॉक्स
चुनाव में वोट पर पड़ेगा प्रभाव
उनका कहना है कि सरकार ने बदले की भावना से यह तबादले किए हैं और हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ के कई सदस्य इसमें शामिल है अब आगे आने वाले चुनाव एमसी और विधानसभा के चुनाव में इसका काफी बड़ा प्रभाव पड़ने वाला है। महासंघ का कहना है कि वह झुकेंगे भी नहीं और रुकेंगे भी नहीं।
उधर पदाधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों को छठवें वेतन आयोग से हो रहे नुकसान और उस पर सरकार की उदासीनता पर चिंता व्यक्त करते हुए अपने अपने वक्तव्य के माध्यम से तथ्यों सहित मुद्दे उठाए जिसमें महासंघ की तरफ से स्पष्ट किया गया के छठे वेतन आयोग के लागू होने से हिमाचल प्रदेश के सभी कर्मचारियों को भारी नुकसान हुआ है यह पहला मौका है कि जब मूल वेतन के मामले में हिमाचल सरकार ने पंजाब को लागू नहीं किया है इसके खिलाफ हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ लगातार प्रयासरत हैl
महासंघ के मुताबिक सरकार ने जो कमेटी गठित की है उस कमेटी की ना तो कोई बैठक हुई है और ना ही उसमें कोई आगामी कार्रवाई हो पाई है जिससे जो हमारी मांगे है , जिसमें 2 साल के राइडर को खत्म करना और इनिशियल स्टार्ट की बहाली करना ,जो कि 27 सितंबर 2012 की अधिसूचना के कारण वेतन संशोधन के दौरान लगाई गई थी जो कि पंजाब से हटकर थी, उसे हटाने के लिए अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है l
साथ ही साथ 4-9-14 टाइम स्केल जिसको लेकर महासंघ मांग कर रहा था कि इस संदर्भ में दिनांक 26-2- 2013, 7-7- 2014 और 9-9 – 2014 की अधिसूचना को समाप्त कर 2009 की अधिसूचना के अनुसार 4-9-14 की बहाली कर सभी कर्मचारियों को उसका लाभ दे देकर वर्तमान फिक्सेशन में उसकी गणना कर उसका लाभ देने की मांग की गई है जिस पर वित्त विभाग की तरफ से अभी तक कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है साथ ही महासंघ ने कुछ दिन पहले एसीएस फाइनेंस प्रमोद सक्सेना को अपनी मांगों के संदर्भ में एक अतिरिक्त ज्ञापन भी सौंपा जिसमें कहा गया है कि कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2015 के मूल वेतन पर ही फैक्टर लगाया जाए और जिस तरह से 2 पॉइंट 5 9 फैक्टर को लेने वाले कर्मचारियों के लिए दोबारा से 1-1 -2012 से नोशनल फिक्सेशन कर उनके मूल वेतन को 31- 12 -2015 की स्थिति में वास्तविक मूल वेतन से कम करके उस पर फैक्टर लगाया गया है क्योंकि कर्मचारियों ने 1-10- 2012 की तिथि से जो बढ़ा हुआ ग्रेड पे लिया था उसको नहीं माना गया है और उसकी वजह से कर्मचारियों के 4-9-14 टाइम स्केल का एक लाभ भी खत्म हुआ है इस इस संदर्भ में महासंघ ने अपने मांग पत्र के माध्यम से मांग की है कि सभी कर्मचारियों को 31 -12- 2015 की स्थिति में 2.59 का फैक्टर लगना एक संवैधानिक प्रक्रिया है जिस तरह से कर्मचारियों को पीछे किया जा रहा है और उनको नुकसान हो रहा है उसके खिलाफ महासंघ पहले से ही सरकार के खिलाफ आंदोलनरत है और संघर्ष के माध्यम से इसे ठीक करने का प्रयास करेगा उसके बाद भी यदि सरकार नही मानती है तो न्यायालय के माध्यम से भी एस लडाई को लड़ेगा, जिससे लाखों कर्मचारियों को नुकसान की भरपाई की जा सके l
महासंघ के पदाधिकारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने अपने बजट भाषण में वह सब बातें तो डाल दी जिसके लिए वित्त का प्रावधान करने की कोई आवश्यकता नहीं थी लेकिन जहां पर वित्त का प्रावधान कर कर्मचारियों को वित्तीय लाभ देने की बात थी उन मुद्दों पर मुख्यमंत्री बजट भाषण में मौन हो गए l
आरोप लगाते हुए कहा गया के मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग को लागू करने के साथ साथ भत्तो के संशोधन की कोई बात नहीं की है और ना ही कर्मचारियों को देय एरियर के बारे में बजट भाषण में कोई जिक्र किया और ना ही उसके लिए वित्त के प्रावधान की बात की l
जिस पर कर्मचारी वर्ग एरियर को देने के बारे में सरकार के रुख पर चिंतित है के कर्मचारियों को एरियर कब और कितनी किस्तों में मिलेगा l
महासंघ पंजाब या केंद्र के आधार पर मिलने वाले सभी भत्तो की माँग कर रहा है l
कंप्यूटर टीचर एस एम सी टीचर और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बजट भाषण में पॉलिसी निर्धारण की किसी भी तरह की बात ना कहकर सब को निराश किया है जबकि बड़े समय से सरकार इन वर्गों के लिए पॉलिसी बनाकर नियमित करने का दावा कर रही थी l
सरकार से मांग की है कि प्रदेश के कर्मचारियों के खिलाफ की गई एफ आई आर और अन्य सभी प्रकार के शो कॉज नोटिस और जांच को समाप्त कर एक सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने का काम करें जिससे प्रदेश के सभी कर्मचारी प्रदेश के विकास में अपना शत प्रतिशत योगदान दे सके

