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अलर्ट : हिमाचल में प्रतिवर्ष औसतन 3000 सड़क दुर्घटनाएं , जिनमें लगभग 1200 लोगों की मृत्यु तथा लगभग 5000 के करीब लोग घायल हो रहे

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प्रदेश सरकार की कल्याणकारी नीतियों व अन्य कार्यक्रमों को समाज तक पहुंचाने में लोक समूह की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह विचार आज उद्योग, परिवहन मंत्री विक्रम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान मशोबरा में परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान में लोक समूहों की भूमिका पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए।

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उन्होंने कहा कि समाज को जानकारी प्रदान करने तथा सूचना सम्प्रेषित करने के लिए लोक समूह का योगदान अत्यंत प्रभावी है। उन्होंने कहा कि समाज द्वारा इन समूहों के माध्यम से दी गई जानकारी को ग्रहण कर लोगों द्वारा अधिमान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह समूह परोक्ष रूप से प्रदेश की जनता की सेवा के लिए सतत् कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत होने के कारण वाहनों की संख्या में आशातीत वृद्धि हुई है, जिसके कारण सड़क दुर्घटनाओं में अमूल्य मानव जीवन की क्षति होना अत्यंत चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा एक संवेदनशील मुद्दा है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 19 लाख वाहन पंजीकृत हैं, जिनमें 10 लाख से अधिक संख्या दो पहिया वाहनों की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में शामिल वाहनों में सबसे अधिक संख्या हल्के मोटर वाहनों, जिसमें कार जीप आदि शामिल है इसके पश्चात दो पहिया वाहनों की संख्या भी इसमें शामिल है।

उन्होंने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल जैसे छोटे राज्य में प्रतिवर्ष औसतन 3000 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें लगभग 1200 लोगों की मृत्यु होती है तथा लगभग 5000 के करीब लोग घायल होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 95 प्रतिशत दुर्घटनाएं मानवीय भूलों के कारण होती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण तेज गति से वाहन चलाना, खतरनाक तरीके व लापरवाही से वाहन चलाना तथा गलत तरीके से ओवरटेक करना अथवा लैंड बदलना, गलत तरीके से वाहन मोड़ना व नशा करके वाहन चलाना शामिल है।

उन्होंने कहा कि यातायात नियमों का पालन किया जाए तो सड़क दुर्घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है। सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली अमूल्य मानव जीवन की हानि एवं विकलांगता का अनुभव दुर्घटना पीड़ित के परिवार के सदस्य ही समझ सकते हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में परिवहन निदेशालय शिमला में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सड़क सुरक्षा पर गठित समिति के दिशा-निर्देशों के अनुसार सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन किया गया है, जिसके अंतर्गत सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ, परिवहन विभाग द्वारा लोगों को पंचायत व वार्ड स्तर पर सड़क सुरक्षा नियमों व कानूनों की जानकारी प्रदान करने तथा उन्हें जागरूक नागरिक बनाने के उद्देश्य से विभिन्न मीडिया माध्यमों व प्रतियोगिताओं का आयोजन कर जागरूकता प्रदान की जा रही है। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के दौरान भी विभागीय आधार पर धारक विभागों को शामिल कर विभिन्न विषयों पर व्यापक कार्यक्रम आयोजित कर सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए कार्य किए गए। 

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उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की बिना किसी डर व झिझक के सहायता करने तथा उन्हें तुरन्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रेरित करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा गुड समैरिटन अर्थात् नेक व्यक्ति को सुरक्षा व अधिकार प्रदान करने के लिए कानून में प्रावधान किया गया है ताकि अमूल्य मानव जीवन को बचाया जा सके। इसके तहत सड़क दुर्घटना पीड़ित व्यक्ति की सहायता करने वाले नेक व्यक्ति से उसकी इच्छा के विरूद्ध कोई भी पूछताछ नहीं की जाएगी न ही उसे रोका जाएगा। समैरिटन द्वारा सहायता प्रदान करने पर सम्मान एवं ईनाम योजना भी आरम्भ की गई है। 

उन्होेंने बताया कि इसी कड़ी में सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ, परिवहन विभाग द्वारा लोेगों को पंचायत व वार्ड स्तर तक सड़क सुरक्षा नियमों एवं कानूनों की जानकारी प्रदान करने के लिए प्रचार सामग्री प्रकाशित की गई है। 

उन्होंने विश्वास जताया कि विभाग जिस प्रकार से तकनीक का प्रयोग कर लोगों को सुविधाएं प्रदान कर रहा है उसका लाभ निश्चित तौर पर आमजन तक पहुंचेगा। 

इस अवसर पर उन्होंने कलाकारों को सड़क सुरक्षा टोपी व हुड भी प्रदान किए। 

स्वागत संबोधन के दौरान निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप ने परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश में परिवहन व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए किए जा रहे प्रयासों तथा दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न कार्यों की जानकारी दी। 

इस अवसर पर अतिरिक्त आयुक्त परिवहन हिमस नेगी ने सड़क सुरक्षा गतिविधियों के संबंध में जानकारीयुक्त प्रेजंेटेशन प्रदान की। सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित विभिन्न आंकड़ों को डीएसपी अमर सिंह ने अपनी प्रेजेंटेशन में अत्यंत प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। सड़क सुरक्षा से संबंधित लघु वृत चित्र भी कार्यशाला का अभिन्न अंग रहा।  

स्चिव राज्य परिवहन प्राधिकरण घनश्याम चंद ने आभार उद्बोधन में कार्यशाला के आयोजन के लिए सभी के प्रयासों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कलाकारों से सड़क सुरक्षा के बिंदुओं को जन-जन तक पहुंचाने की गंभीरता की अपील की। 

सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के अधीन कार्यरत पूजा कला मंच शोघी द्वारा सड़क सुरक्षा से संबंधित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। कार्यशाला के अंतिम चरण में सड़क सुरक्षा में मानवीय दृष्टिकोण के संबंध में सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के पूर्व उप-निदेशक तथा पूर्व संयुक्त निदेशक जगवीर सिंगा द्वारा सड़क सुरक्षा पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। 

दिल्ली से आए स्कूल आॅफ प्लानिंग एंड आरकेटेक्ट के संबंध में शुओन आजीज द्वारा सड़क सुरक्षा पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई।  

इस अवसर पर पूरे प्रदेश के सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के तहत सूचीबद्ध विभिन्न लोक समूह के लगभग 150 कलाकार उपस्थित थे। 

Deepika Sharma

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