लावण्या के न्याय के लिए अभाविप ने पूरे देश में उठाई आवाज
छात्रों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखने के लिए माननीय न्यायालय का धन्यवाद : अभाविप

तमिलनाडु सरकार द्वारा संवैधानिक शक्तियों का दुरुपयोग कर जेल में डाली गयीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी, राष्ट्रीय मंत्री रामलिंगम व हरीकृष्णा नागोथू सहित सभी 32 कार्यकर्ताओं को आज मानयीय न्यायालय द्वारा मुख्यमंत्री आवास के सामने शांतिपूर्ण प्रदर्शन मामले में ज़मानत दिये जाने का स्वागत करती है।
लावण्या के न्याय के लिए अभाविप पूरे देश में, राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी के नेतृत्व में लड़ाई लड़ रही थी। जिसके बाद, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री आवास के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान उनके समेत 31 अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री कु. प्रेरणा पवार ने कहा,”सरकार के इस तानाशाही रवैये के विरुद्ध माननीय न्यायालय का निर्णय दूरगामी रहने वाला है। लावण्या की लड़ाई को इंसाफ तक ले जाने के लिए अभाविप प्रतिबद्ध है।”
अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री राकेश दास ने कहा, “सांप्रदायिक तुष्टिकरण में प्रणीत डीएमके सरकार के हर अत्याचारी कदम के बाद लावण्या के न्याय की माँग और प्रबल एवं दृढ़-संकल्पित होती जा रही है। लावण्या के लिए न्याय की मांग को हम और पुरजोर तरीके से उठाएंगे और पूरे देश की युवा तरुणाई बहन लावण्या के दोषियों को सज़ा दिलाकर ही दम लेगी।”
हिमाचल प्रांत सह मंत्री शिल्पा कुमारी ने कहा कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है। यह हत्या है धर्मनिरपेक्षता की। यह हत्या है किसी भी धर्म को मानने की स्वतंत्रता देने वाले हमारे मौलिक अधिकार की।
शुरूआत से ही तमिलनाडु सरकार ने इस पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया।
अलग अलग तरह की अफवाहें, झूठी बातें फैला कर आरोपियों को बचाने का प्रयास किया। CBI को केस न सौंपा जाए ऐसी अपील कोर्ट से की, यहां तक लावण्या की मुख्य आरोपी के जेल से बाहर निकलने पर उसे सम्मानित भी किया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ऐसे प्रशासन के आगे कभी नहीं झुकेगा और लावण्या के न्याय के लिए आखिरी सांस तक लड़ता रहेगा।



