खास खबर : पीएसएलवी सी52 मिशन के सफल प्रक्षेपण
थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में गिरावट जारी

प्रधानमंत्री ने पीएसएलवी सी52 मिशन के सफल प्रक्षेपण पर भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएसएलवी सी52 मिशन के सफल प्रक्षेपण पर भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई दी है।
एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा हैः
“पीएसएलवी सी52 मिशन के सफल प्रक्षेपण पर हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई। ईओएस-4 उपग्रह से कृषि, वानिकी और बागान, मिट्टी में नमी और जल विज्ञान सहित बाढ़ के जोखिम वाले स्थानों का मानचित्र बनाने में सभी मौसमी परिस्थितियों में प्रासंगिक हाई रिजोल्यूशन इमेजेस प्राप्त होंगी।”
प्रधानमंत्री कार्यालय
प्रधानमंत्री ने पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2019 में आज ही के दिन हुये पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और राष्ट्र के प्रति उनकी अभूतपूर्व सेवाओं को स्मरण किया।
एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा हैः
“मैं वर्ष 2019 में आज ही के दिन पुलवामा में शहीद होने वाले सभी बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और हमारे राष्ट्र के प्रति उनकी अभूतपूर्व सेवा को स्मरण करता हूं। उनका शौर्य और उनका सर्वोच्च बलिदान देश को मजबूत और समृद्ध बनाने की दिशा में काम करने के लिये हर भारतीय को प्रेरणा देता है।”
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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय खबर……..
थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में गिरावट जारी
जनवरी, 2022 के लिए भारत में थोक मूल्य (आधार वर्ष 2011-12) की सूचकांक संख्याएं जारी
प्रविष्टि तिथि: 14 feb 2022 12:01pm by pib delhi
जनवरी, 2021 की तुलना में जनवरी, 2022 के दौरान मुद्रास्फीति की वार्षिक दर 12.96 प्रतिशत (अनंतिम) रही। यह नवम्बर 2021 के 14.87 प्रतिशत तथा दिसम्बर, 2021 के 13.56 से निरंतर गिरावट है। जनवरी, 2022 में पिछले वर्ष की इस अवधि की तुलना में मुद्रास्फीति की ऊंची दर मुख्य रूप से खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस, मूल धातुओं, रसायनों तथा रासायनिक उत्पादों, खाद्य सामग्रियों आदि की कीमत में वृद्धि के कारण हुई।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के आर्थिक सलाहकार कार्यालय ने जनवरी, 2022 (अनंतिम) और नवम्बर, 2021 (अंतिम) के लिए भारत में थोक मूल्य सूचकांक संख्याएं जारी कर दी है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के अनंतिम आंकड़े देश भर में संस्थागत स्रोतों और चुनी हुई विनिर्माण इकाइयों से प्राप्त आंकड़ों के साथ संकलित किए जाते हैं और हर महीने की 14 तारीख (या अगले कार्य दिवस) को जारी किए जाते हैं। 10 सप्ताह के बाद अनंतिम सूचकांक को अंतिम रूप दे दिया गया है और अंतिम आंकड़े जारी कर दिए गए हैं।
थोक मूल्य सूचकांक के घटकों तथा पिछले 3 महीनों में मुद्रास्फीति में वार्षिक परिवर्तन इस प्रकार है :
सूचकांक संख्या और मुद्रास्फीति की वार्षिक दर (वर्ष दर वर्ष)*
सभी जिंस/प्रमुख समूह भारांक (%) नवम्बर-21 (एफ) दिसम्बर-21 (पी) जनवरी-22 (पी)
सूचकांक मुद्रास्फीति सूचकांक मुद्रास्फीति सूचकांक मुद्रास्फीति
सभी जिंस 100.0 143.7 14.87 142.4 13.56 142.9 12.96
i प्राथमिक वस्तुएं 22.6 168.4 10.21 167.8 13.38 165.0 13.87
ii ईंधन व बिजली 13.2 136.0 44.37 128.2 32.30 133.2 32.27
iii. विनिर्मित उत्पाद 64.2 136.6 12.34 136.4 10.62 137.1 9.42
खाद्य सूचकांक 24.4 170.6 6.83 169.0 9.24 166.3 9.55
नोट: पी: अनंतिम, एफ: अंतिम, * पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में गणना की गई डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति की वार्षिक दर
थोक मूल्य सूचकांक की माह दर माह परिवर्तन के आधार पर मुद्रास्फीति की मासिक दर दिसम्बर, 2021 की तुलना में जनवरी, 2022 के दौरान 0.35 प्रतिशत रही। पिछले 6 महीनों के लिए डब्ल्यूपीआई सूचकांक में मासिक परिवर्तन का सारांश इस प्रकार है:
डब्ल्यूपीआई सूचकांक में माह दर माह (माह दर माह प्रतिशत) परिवर्तन#
सभी जिंस/प्रमुख समूह भारांक अगस्त-21 सितम्बर-21 अक्टूबर-21 नवम्बर-21 दिसम्बर-21
(पी) जनवरी-22 (पी)
सभी जिंस 100 0.89 0.88 2.40 2.13 -0.90 0.35
i प्राथमिक वस्तुएं 22.62 0.71 1.48 3.36 3.31 -0.36 -1.67
ii ईंधन व बिजली 13.15 2.34 0.93 5.88 7.94 -5.74 3.90
iii विनिर्मित उत्पाद 64.23 0.68 0.60 1.42 0.52 -0.15 0.51
खाद्य सूचकांक 24.38 0.44 1.25 2.84 2.34 -0.94 -1.60
नोट: पी: अनंतिम, # पिछले महीने की तुलना में गणना की गई माह दर माह डब्ल्यूपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति की मासिक दर।
थोक मूल्य सूचकांक के प्रमुख समूहों में माह दर माह परिवर्तन :
प्राथमिक वस्तुएं (भारांक 22.62 प्रतिशत): इस प्रमुख समूह का सूचकांक जनवरी, 2022 में (-1.67 प्रतिशत) गिरकर 165.0 प्रतिशत (अनंतिम) हो गया जो दिसम्बर, 2021 के दौरान 167.8 (अनंतिम) था। दिसम्बर, 2021 की तुलना में जनवरी, 2022 के दौरान खनिजों (11.08 प्रतिशत) तथा अखाद्य वस्तुओं (0.37 प्रतिशत) की कीमतों में वृद्धि हुई। दिसम्बर, 2021 की तुलना में जनवरी, 2022 में खाद्य पदार्थों (-2.61 प्रतिशत) तथा कच्चे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस की कीमतों में (-5.11 प्रतिशत) की गिरावट आई।
ईंधन एवं बिजली (भारांक 13.15 प्रतिशत): इस प्रमुख समूह का सूचकांक दिसम्बर, 2021 के 128.2 प्रतिशत (अनंतिम) की तुलना में जनवरी, 2022 के दौरान (3.9 प्रतिशत) बढ़कर 133.2 प्रतिशत (अनंतिम) हो गया। दिसम्बर, 2021 की तुलना में जनवरी, 2022 में बिजली की कीमत में (15.94 प्रतिशत) तथा खनिज तेलों की कीमत में (0.83 प्रतिशत) की वृद्धि हुई। कोयला की कीमत में बदलाव नहीं हुआ।
विनिर्मित उत्पाद (भारांक 64.23 प्रतिशत): इस प्रमुख समूह के सूचकांक में दिसम्बर, 2021 के 136.4 प्रतिशत (अनंतिम) की तुलना में जनवरी, 2022 में (0.51 प्रतिशत) की वृद्धि हुई और यह 137.1 प्रतिशत (अनंतिम) हो गया। दिसम्बर, 2021 की तुलना में जनवरी, 2022 के दौरान विनिर्मित उत्पादों के लिए 22 एनआईसी दो अंकीय समूहों में से 18 समूहों में वृद्धि हुई, जबकि तीन समूहों में मूल्यों में गिरावट देखी गई। कीमतों की बढोतरी में मुख्य रूप से मूल धातुओं, मोटर वाहन, ट्रेलरों तथा सेमी ट्रेलरों, मशीनरी तथा उपकरण, कपड़ा तथा रसायन तथा रासायनिक उत्पादों का योगदान रहा। कुछ समूहों में देखी गई गिरावट में लकड़ी तथा लकड़ी मैन्युफैक्चर, कॉर्क, तम्बाकू उत्पाद तथा फार्मासिक्युटल, औषधीय रसायन तथा वनस्पति उत्पाद शामिल है। दिसम्बर, 2021 की तुलना में जनवरी, 2022 के दौरा बेव्रिजिज़ उत्पादन में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
डब्ल्यूपीआई खाद्य सूचकांक (भारांक 24.38 प्रतिशत): खाद्य सूचकांक, जिसमें प्राथमिक वस्तु समूह की ‘खाद्य वस्तुएं‘ और विनिर्मित उत्पाद समूह के ‘खाद्य उत्पाद‘ शामिल हैं, में गिरावट आई है और यह दिसम्बर, 2021 के 169.0 से गिरकर जनवरी, 2022 में 166.3 हो गई। डब्ल्यूपीआई खाद्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर दिसम्बर, 2021 के 9.24 प्रतिशत की तुलना में मामूली रूप से बढ़कर जनवरी, 2022 में 9.55 प्रतिशत हो गई।
नवम्बर, 2021 के लिए अंतिम सूचकांक (आधार वर्ष 2011-12=100): नवम्बर, 2021 के महीने के लिए अंतिम थोक मूल्य सूचकांक और ‘सभी वस्तुओं‘ के लिए मुद्रास्फीति की दर (आधार वर्ष 2011-12=100) अनंतिम आंकड़ा क्रमशः 143.7 और 14.87 प्रतिशत रहे। जनवरी, 2022 के लिए अखिल भारतीय थोक मूल्य सूचकांक तथा विभिन्न वस्तु समूहों के लिए मुद्रास्फीति दर का विवरण संलग्नक i में है। पिछले 6 महीनों में विभिन्न वस्तु समूहों के लिए थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर (वर्ष दर वर्ष) संलग्नक ii में है। पिछले 6 महीनों में विभिन्न वस्तुओं एवं समूहों के लिए डब्ल्यूपीआई सूचकांक संलग्नक iii में है।
प्रतिक्रिया दर : जनवरी, 2022 के लिए डब्ल्यूपीआई को 75.4 प्रतिशत की प्रतिक्रिया दर पर संकलित किया गया है जबकि नवम्बर, 2021 के लिए अंतिम आंकड़ा 94.0 प्रतिशत की भारित प्रतिक्रिया दर है। डब्ल्यूपीआई के ये अनंतिम आंकड़े डब्ल्यूपीआई की अंतिम संशोधन नीति के अनुसार संशोधित होंगे। यह प्रेस विज्ञप्ति, वस्तु सूचकांक तथा मुद्रास्फीति संख्या होम पेज http://eaindustry.nic.in. पर उपलब्ध हैं।
नोट जनवरी, 2022 में थोक मूल्य सूचकांक तथा महंगाई दर से जुड़ी विस्तृत जानकारी के लिए अंग्रेजी के अनुलग्नक पर क्लिक करें।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग और जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्रालय ने भारत में जापानी औद्योगिक टाउनशिप के तहत प्रगति की संयुक्त समीक्षा की
सभी जापानी औद्योगिक टाउनशिपों में इस समय 114 जापानी कंपनियां काम कर रही हैं
भारत का पांचवा सबसे बड़ा निवेशक है जापान
14 सेक्टरों के लिय उत्पादनयुक्त प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की घोषणा; असंख्य जापानी कंपनियों से आवेदन प्राप्त
भारत में जापानी औद्योगिक टाउनशिपों (जेआईटी) के तहत होने वाली प्रगति की वार्षिक समीक्षा करने के लिये भारत के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) तथा जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्रालय (एमईटीआई) के बीच एक संयुक्त बैठक आयोजित की गई। डीपीआईआईटी और राज्यों ने इन टाउनशिपों में जापानी निवेशकों के लिये विकसित भूखंडों और अवसंरचना की सहज उपलब्धता के बारे में जानकारी दी। निवेश करने के लिये जापानी कंपनियों को टाउनशिपों का दौरा करने के लिये आमंत्रित किया गया।
डीपाआईआईटी ने एमईटीआई के साथ जापानी औद्योगिक टाउनशिपों की स्थिति की समीक्षा की। कोविड-19 के हालात को ध्यान में रखते हुये वर्चुअल माध्यम से बैठक की गई। भारत स्थित जापानी दूतावास और जापान विदेश व्यापार संगठन (जेईटीआरओ) ने भी जापानी पक्ष से बैठक में हिस्सा लिया। भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय, टोक्यो स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों तथा राज्य सरकारों और इनवेस्ट इंडिया के प्रतिनिधियों ने बैठक में शिरकत की।
उल्लेखनीय है कि जापान औद्योगिक टाउनशिपों को “भारत-जापान निवेश और व्यापार संवर्धन तथा एशिया-प्रशांत आर्थिक एकीकरण के लिये कार्य-विषय” के अनुपालन में स्थापित किया गया है। इस पर जापान के एमईटीआई और भारत के डीपीआईआईटी ने अप्रैल 2015 में हस्ताक्षर किये थे, ताकि “जापान औद्योगिक टाउनशिपों” का विकास करने के लिये कदम उठाये जायें, खासतौर से दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक गलियारा (डीएमआईसी) और चेन्नई-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारा (सीबीआईसी) क्षेत्रों में। इसका लक्ष्य भारत में निवेश करने के लिये जापान को सहयोग करना है।
जापान अकेला ऐसा देश है, जिसके पास भारत में समर्पित औद्योगिक टाउनशिप है। इन जापानी औद्योगिक टाउनशिपों में कई सुविधायें उपलब्ध हैं, जैसे अनुवाद और सहयोग के लिये विशेष जापान डेस्क, विश्वस्तरीय अवसंरचना सुविधायें, इमारत, सड़क, बिजली, पानी, सीवर जैसी तैयार सुविधायें, आवासीय संकुल और जापानी कंपनियों के लिये विशेष प्रोत्साहन, आदि। टाउनशिपों में ये सभी तैयार सुविधायें हैं और पूरी तरह से विकसित भूखंड आबंटन के लिये उपलब्ध हैं।
इस समय सभी टाउनशिपों में 114 जापानी कंपनियां काम कर रही हैं। नीमराना और श्री सिटी औद्योगिक टाउनशिपों में ज्यादातर जापानी कंपनियां मौजूद हैं। डायकिन, इसुजू, कोबेल्को, यामाहा म्यूजिक, हिताची ऑटोमोटिव, आदि जैसे बड़े नाम हैं, जिन्होंने यहां निवेश किया है। इन टाउनशिपों में इन जापानी कंपनियों ने निर्माण इकाइयां स्थापित की हैं।
भारत में पांचवें सबसे बड़े निवेशक होने के नाते, जापान ने वर्ष 2000 के बाद से 36.2 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का समग्र निवेश किया है। यह निवेश खासतौर से मोटर-वाहन, इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली की डिजाइन और निर्माण (ईएसडीएम), चिकित्सा उपकरण, उपभोक्ता सामान, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण और रसायनों के क्षेत्र में किया है।
बैठक के दौरान यह जानकारी में लाया गया कि भारत सरकार ने निवेश को आकर्षित करने और व्यापार सुगमता में सुधार लाने के लिये कई योजनाओं की घोषणा की है। उत्पादनयुक्त प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को 14 सेक्टरों के लिये घोषित किया गया तथा इस सम्बंध में कई आवेदन प्राप्त हुये हैं। जापानी कंपनियों ने भी पीएलआई योजना के लिये आवेदन किया है और उन्हें अनुमति भी मिल गई है। भारत सरकार ने जिस राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली की पहल की है, उसके बारे में भी जापानी पक्ष को जानकारी दी गई। इस वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफार्म से इस समय 20 केंद्रीय मंत्रालय तथा 14 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश जुड़े हुये हैं। नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) में प्रमुख सेक्टरों के अधोसंरचना विकास को समाहित किया गया है, जैसे ऊर्जा, रेल, सड़क, सिंचाई आदि। वर्ष 2019 और 2025 के बीच 1.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की योजना बनाई गई है।
जापानी औद्योगिक टाउनशिपों और भारत में जापानी निवेश को आकर्षित करने के लिये उदीयमान सेक्टर नये अवसर हैं। इनके बारे में भी जानकारी दी गई। निवेश अवसरों से भरपूर इन सेक्टरों में सूचना और संचार प्रौद्योगिकियां, नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, ड्रोन, रोबोटिक्स और कपड़ा सेक्टर शामिल हैं।
जापानी पक्ष ने भारत के महत्त्व और भारत के साथ अपनी साझेदारी को रेखांकित करते हुये उसे “भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मक साझेदारी पर सहयोग समझौता” तथा मौजूदा आपूर्ति श्रृंखला उपादेयता पहल के जरिये बढ़ाने पर बल दिया।


