
खबरदार ,बार बार गेस्टिक होने की समस्या को नजरअंदाज ना करें ये आपको कैंसर भी दे सकती है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में इसे लेकर चौंकने वाले खुलासे हुए हैं कि अब हिमाचल में भी गैस्ट्रिक कैंसर के मामले बढ़ने लगे हैं। हालांकि इसका कारण खराब खानपान भी बताया जा रहा है लेकिन घरेलू नुस्खे में उलझते हुए मरीज अपनी बीमारी को काफी लंबा खींच देता है और अंत में आईजीएमसी के द्वारा आता है। इसे लेकर असर न्यूज़ ने कैंसर सर्जन डॉक्टर डॉ राशपाल से बात की तो पता लगा कि हर माह लगभग दो-तीन केस ऐसे पहचाने जाते हैं जिसमें यह जरूरी होता है कि इनकी सर्जरी अब बेहद जरूरी है।

सावधान :गैस्टिक बना सकती है आपके शरीर में कैंसर का घर.
मनुष्य को ईश्वर की सबसे अच्छी रचना माना गया है ।मनुष्य का पूरा जीवन उसके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है ।मनुष्य का शरीर मनुष्य के जीवन का महत्वपूर्ण आधार है|
मनुष्य के शरीर में कुछ ना कुछ बीमारी होती ही रहती है मनुष्य को किसी न किसी बीमारी का सामना करना ही पड़ता है|
उन्हीं सब बीमारियों में से एक बीमारी है ।गैस की बीमारी यह बीमारी है जो हर तीसरे व्यक्ति को होती है|वहीं इंदिरा गांधी ऊपर कोई मेडिकल कॉलेज में यह भी देखने में आ रहा है कि कई केस महज इसलिए खराब हुए हैं क्योंकि वह घरेलू नुस्खे और अन्य इलाज में फंसे रहे। जिसके कारण उनकी बीमारी पूरे शरीर में फैल गई।
इसी कारण मनुष्य इस बीमारी का इलाज घरेलू नुस्खों से करता है ,यदि इससे ठीक ना हो तो वह खुद से ही गैस्टिक की दवाइयां लेना आरंभ कर देता है।इस तरह से अधिक दवाइयों का सेवन छोटी सी बीमारी को बड़ा कर देती है|
हिमाचल के कैंसर सर्जन डॉक्टर का कहना है कि लोग गैस्टिक को हल्के में ना ले तथा डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी दवाई का सेवन ना करें.यदि आपको लग रहा है आपकी गैस संबंधी समस्या बढ़ रही है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह करें गैस्टिक कब कैंसर का रूप ले लेगी आपको भनक तक नहीं लगेगी|
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ये हैं लक्षण
पेट की आंत में कैंसर के लक्षण बहुत ही सामान्य है|
जैसे खाना पेट में अटकना.पानी ठीक से पेट में ना जाना.खाना खाने के बाद पेट में फुवारा पढ़ना
यह सभी लक्षण पेट के कैंसर के लक्षण है .उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के निवासी वक्त रहते अपना इलाज करवाने नहीं आ पाते इसका कारण कई बार समाज का डर तथा कई बार कम यातायात के साधन होते हैं|
तथा कैंसर का इलाज वक्त रहते ना हो पाने का सबसे बड़ा कारण गांव के लोगों का डर तथा निम्न सोच है कैंसर जैसी गंभीर बीमारी किसी भी उम्र के वर्ग के व्यक्ति को हो सकती है .
कैंसर उम्र नहीं देखता कैंसर बच्चों बूढ़ों युवा वर्ग हर वर्ग के व्यक्ति में पाया जाता है|
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ये हैं उपाय
आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल के आंकड़ों पर भी गौर करें तो तो सामने आया है कि पिछले वर्ष लगभग 200 लोगों को पेट के कैंसर का लक्षण देखा गया है।
यदि हमें कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचना है तो हमें अपने खान-पान को सुधारना होगा हमें पौष्टिक से भरपूर आहार लेना होगा, हमें संतुलित भोजन लेना होगा|
कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को पनपने ही नहीं देना है हमें अपनी दिनचर्या और खान-पान के साथ-साथ अपनी मानसिकता भी मजबूत बनानी है. हमें शारीरिक तथा मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ रहना होगा…
असर न्यूज़ से पूजा..


