आंदोलन कर रहे डॉक्टरों के साथ किया गया दुर्व्यवहार

हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन दिल्ली में डॉक्टरों द्वारा शांति पूर्ण तरीके से किए जा रहे संघर्ष को हिंसात्मक तरीके के द्वारा दबाने की कोशिश और जबरदस्ती डॉक्टरों को संघर्ष स्थल से उठाने की घोर भर्त्सना करता है ।लोकतंत्र में हर नागरिक को अधिकार है कि वह अपनी मांगों को शांतिपूर्ण तरीके से रख सकता है लेकिन इस तरह का बर्बरता पूर्ण रवैया कल दिल्ली पुलिस ने दिखाया और जबरदस्ती चिकित्सकों को वहां से उठाया यहां तक की महिला चिकित्सकों के साथ भी दुर्व्यवहार और हिंसात्मक रवैया अपनाया गया ।
हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर “पीजी काउंसलिंग” को जल्द से जल्द करवाने की मांग पिछले डेढ़ महीने से कर रहे हैं और वह भी शांतिपूर्ण तरीके से। डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने सवाल उठाया कि इस काउंसलिंग से अगर नए विशेषज्ञ चिकित्सक मेडिकल कॉलेजों में पूरे देश में दाखिल होंगे तो उससे किसको फायदा होगा। जाहिर है कि फायदा जनता को होना है क्योंकि इस समय पूरा देश करोना कि अगली लहर के कहर के साए में जी रहा है तो फिर यह मांग कैसे अनुचित है। उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि जल्द से जल्द हमारे रेजिडेंट डॉक्टर्स जिनको हिरासत में लिया गया है ,उनको रिहा किया जाए और पोस्ट ग्रेजुएट काउंसलिंग को जनता की भलाई में जल्द से जल्द करवाया जाए ताकि महामारी के इस समय में ज्यादा से ज्यादा विशेषज्ञ पूरे देश के अंदर उपलब्ध हो सकें ।
हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने कहा है कि अगर जल्द से जल्द इस मामले को नहीं सुलझाया जाता है तो संघ ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के बैनर तले पूरे देश के अंदर संघर्ष को चालू करेंगे। इसी कड़ी में आज पूरे प्रदेश के चिकित्सकों ने काले बिल्ले लगाकर अपना कार्य किया।



