प्रधानाचार्य के रूप में होने वाली पदौन्नतियो में प्रवक्ताओं को नजरअंदाज न करने की मांग

हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने प्रधानाचार्य के रूप में होने वाली पदौन्नतियो में प्रवक्ताओं को नजरअंदाज न करने की मांग की है
आज जारी एक प्रेस बयान में संघ के संघ के अध्यक्ष केसर सिंह ठाकुर चेयरमैन विनोद बन्याल , वरिष्ठ उपाध्यक्ष लोकेन्द्र नेगी ,महासचिव संजीव ठाकुर, वित्त सचिव राकेश भड़वाल, मुख्य प्रेस सचिव प्रेम शर्मा ,मुख्य संघठन सचिव पवन शर्मा, शिमला जिला प्रवक्ता संघ अध्यक्ष अध्यक्ष अजय नेगी, सोलन जिला अध्यक्ष चन्द्र देव ठाकुर, सिरमौर जिलाअध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर, बिलासपुर के प्रधान नरेश ठाकुर, हमीरपुर के प्रधान अनिल कुमार, मण्डी जिला अध्यक्ष राजेश सैनी , काँगड़ा जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन राणा, ऊना जिला अध्यक्ष संजीव पराशर ,चम्बा जिलाअध्यक्ष दीप सिंह खन्ना, कुल्लू जिला अध्यक्ष नरेंद्र पाल , किनौर जिला अध्यक्ष ने बताया
कि अगर इस बार प्रधानाचार्य के रूप में होने वाली पदौन्नतियो में प्रवक्ताओ को नजरअंदाज किया जाता है तो प्रवक्ता संघ इसका कड़ा विरोध करेंगा !संघ के अध्यक्ष केसर सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रधानाचार्य के रूप में होने वाली पदों नीतियों में प्रवक्ताओं को उनकी संख्या के अनुपात में बहुत कम अवसर प्राप्त हो रहे हैं। बड़े लंबे समय से प्रवक्ता संघ प्रवक्ताओं का पदोन्नति कोटा बढ़ाने की लगातार मांग कर रहे हैं माननीय मुख्यमंत्री द्वारा प्रवक्ताओं का पदोन्नति कोटा बढ़ाने की घोषणा के बावजूद भी विभाग उसके ऊपर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है ! जिसका प्रवक्ता संघ कड़ा विरोध करता है उल्लेखनीय है कि प्रवक्ता संघ के पालमपुर में हुए एक सम्मेलन में माननीय मुख्यमंत्री ने प्रवक्ताओं का कोटा 10% बढ़ाने की घोषणा की थी मगर अभी तक उक्त घोषणा को विभाग द्वारा अमल में नहीं लाया गया है संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रवक्ताओं को पदोन्नति में हमेशा नजरअंदाज किया जाता है। प्रधानाचार्य के रूप में होने वाली पदोन्नतियों सूचियों में मुख्य अध्यापकों की संख्या बहुत अधिक रहती है जबकि प्रवक्ताओं को पदोन्नति सूचियों में बहुत कम स्थान प्राप्त होते है ! 27 मार्च को जारी सूचि में 96 मुख्य अध्यापकों को प्रधानाचार्य के रूप में पदोन्नत किया गया था जबकि केवल 45 प्रवक्ताओं को ही पदोन्नत किया गया था ! हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने चेतावनी दी है कि अगर इसबार प्रधानाचार्य के रूप में होने वाली पद्धतियों में प्रवक्ताओं को नजरअंदाज किया जाता है या विभाग द्वारा सिर्फ मुख्य अध्यापकों के को ही प्रधानाचार्य के रूप में पदोन्नत किया जाता है और प्रवक्ताओं को प्रधानाचार्य के रूप में पदोन्नत करने के लिए सूची नहीं निकाली जाती है तो संघ इसका कड़ा विरोध करेगा और इस संबंध में संघर्ष करने में किसी भी तरह का कोई गुरेज नहीं करेगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी विभाग के ऊपर होगी।



