
*समग्र निदेशालय में परख सर्वेक्षण-2024 की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित*
*शिमला*
स्कूली बच्चों के लर्निंग लेवल का मूल्यांकन करने के लिए हिमाचल में परख सर्वेक्षण-2024 नवंबर माह में होने जा रहा है। समग्र शिक्षा निदेशालय, उच्च शिक्षा निदेशालय और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।
सर्वेक्षण की तैयारियों को लेकर गुरुवार को एक अहम बैठक समग्र शिक्षा निदेशालय शिमला में हुई। इसमें समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा, अतिरिक्त उच्च शिक्षा निदेशक संजीव सूद, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, अतिरिक्त प्रारंभिक शिक्षा निदेशक बीआर शर्मा सहित जिलों के उप शिक्षा निदेशक, डीपीओ और समग्र निदेशालय में तैनात नोडल अधिकारी मौजूद रहे।
इस बैठक में सर्वेक्षण के लिए बच्चों को तैयार करने की मकसद से सभी स्कूलों में जीरो पीरियड ( जीरो आवर) लगाने के निर्देश दिए गए। इनमें उन कक्षाओं के बच्चों की तैयारियां कराई जाएंगी जिनका सर्वेक्षण होना है।
इस मौके पर समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा है कि राज्य सरकार परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण-24 में बेहतर प्रदर्शन को लेकर बेहद गंभीर है। उन्होंने कहा कि साल 2021 में कराए गए एनएएस (नेशनल अचीवमेंट सर्वे) में हिमाचल का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा । ऐसे में इस सर्वे से पहले हिमाचल के स्कूलों में स्लेस ( स्टेट लेवल अचीवमेंट सर्वे) कराया गया था, जिससे कि बच्चों के सीखने के स्तर का आकलन किया जा सके। हालांकि इस सर्वे हम कुछ में बेहतर नहीं कर पाए हैं। ऐसे में परख सर्वेक्षण के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।
राजेश शर्मा ने कहा कि परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण को लेकर शिक्षा मंत्री ने तीनों निदेशकों के साथ बैठक की है। इसमें शिक्षा मंत्री ने साफ निर्देश दिए हैं कि सभी जिलों के उप निदेशक यह सुनिश्चित करें कि इस सर्वे के लिए स्कूलों में पूरी तैयारियां हों।
राजेश शर्मा ने कहा कि 2021 के सर्वे में हिमाचल उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाया था, ऐसे में 2024 का सर्वेक्षण एक सुनहरा मौका साबित हो सकता है। उन्होंने सभी का आवाहन किया कि सर्वे के लिए सभी मिलकर पूरी तत्परता और ऊर्जा के साथ कार्य करें।
*सर्वे में बेहतर प्रदर्शन के लिए उठाए गए अहम कदमः अमरजीत शर्मा*
डा. अमरजीत शर्मा ने कहा कि नवंबर में होने जा रहे परख सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करने लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं। सर्वे के लिए निदेशालय स्तर पर पर नोडल ऑफिसर बना दिए गए है। निदेशालय पर 6 लोगों की टीम बनाई है, जिनमें से हर एक को दो जिलों में इसकी तैयारियों को मॉनीटर करने का काम दिया गया है। अमरजीत शर्मा ने बैठक में शामिल सभी अधिकारियों का आवाहन किया कि वे सर्वे की तैयारियों को एक मुहिम की तरह चलाएं।
*नीट व जेईई परीक्षाओं में चयनित बच्चों को किया जाएगा सम्मानित*
इस बैठक में नीट व जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सरकारी स्कूलों के बच्चों को कोचिंग सुविधा देने पर भी एक प्रेजेंटेशन दी गई। सरकारी स्कूलों के बच्चों को अवंति फैलो के माध्यम से यह कोचिंग दी जा रही है। कोचिंग का फायदा उठाकर सरकारी स्कूलों के कमजोर तबकों के बच्चे बडी संख्या में चयनित होकर अपना भविष्य संवार रहे हैं। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि इन बच्चों को सम्मानित करने के लिए एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम होगा। बच्चों को सम्मानित करने के लिए मुख्यमंत्री को विशेष तौर पर आमंत्रित किया जाएगा।
*बैठक में स्कूलों में स्मार्ट उपस्थिति की समीक्षा की*
इस बैठक में विद्या समीक्षा केंद्र की ओर से स्कूलों में शिक्षकों की हाजिरी के लिए शुरू की गई “समार्ट उपस्थिति” को लेकर भी एक प्रेजेंटेशन दी गई। इसमें विभिन्न जिलों में “समार्ट उपस्थिति” का ब्यौरा दिया गया। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने सभी जिला उपनिदेशकों से कहा कि वे सभी शिक्षकों की हाजिरी “समार्ट उपस्थिति” सुनिश्चित करें।
*आपदा प्रभावित स्कूलों के लिए जारी राशि इस्तेमाल करने के कड़े निर्देश*
उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने भी उपनिदेशकों, डीपीओ के साथ अलग से एक बैठक की। इसमें कई मुद्दों पर चर्ची गई। उच्च शिक्षा निदेशक ने अधिकारियों से कहा कि आपदा प्रभावित स्कूलों के लिए सरकार की ओर से जारी राशि का पूरा और समयबद्ध उपयोग सुनिश्चित करें। बैठक में डे-बोर्डिंग राजीव गांधी स्कूलों की प्रोग्रेस की समीक्षा की गई। शिक्षा निदेशक ने इसके अलावा शिक्षकों की एसीआर, स्कूलों से डाटा समय पर जारी करने, एंटी ड्रग स्क्वायड गठित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्वालिटी इनिशिएटिव सुनिश्चित करने के लिए निदेशालय स्तर पर नोडल अधिकारी तैनात किया गया। उन्होंने अधिकारियों से स्कूलों में आईसीटी लैब, सीसीटीवी कैमरे, स्मार्ट क्लासेस जैसी सुविधाओं का पूरा उपयोग सुनिश्चित करने को भी कहा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जिन एंजेंडों पर बैठक में चर्चा हुई है, उनको गंभीरता से लें। इन निर्देशों को जमीन पर लागू करें।
प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने भी उप निदेशकों व डीपीओ के साथ एक बैठक अलग से की। जिसमें राज्य शिक्षक अवार्ड की रूपरेखा पर चर्चा की गई। उन्होंने शिक्षकों के चयन के लिए तैयार दिशा निर्देशों से उपनिदेशकों को अवगत कराया और इनके आधार पर शिक्षकों का चयन करने के निर्देश दिए।



