
कोविड-19 गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है ?क्यों दी जा रही है गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 लगवाने की सलाह?
इन महत्वपूर्ण सवालों के जवाब आपको असर न्यूज़ कि इस खबर में मिलेंगे। डॉक्टर सोनम से मिली जानकारी के मुताबिक
गर्भावस्था से कोविड 19 संक्रमण का खतरा नहीं बढ़ता है।अधिकांश गर्भवती महिलाएं लक्षण रहित या बहुत कम लक्षण वाली बीमारी से ग्रसित होती हैं, लेकिन उनका स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ सकता है और इससे भ्रूण भी प्रभावित हो सकता है।
यह महत्वपूर्ण है कि वे खुद को कोविड-19 से बचने के लिए सावधानियां बरतें जिसमें कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण भी शामिल है।कोविड-19 से संक्रमित होने का अधिक जोखिम किससे है?जो महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता या फ्रंटलाइन कर्मचारी हो।जिन समुदायों में इसके संक्रमण की दर अधिक हो।जो बाहरी लोगों के संपर्क में आते हो।जो भीड़भाड़ वाले घर के अतिरिक्त दूरी ना बना पाए।
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कोविड-19 गर्भवती महिला के स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है?
हालांकि अधिकांश (>90 प्रतिशत) कोविड-19 ग्रसित महिलाओं को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ती पर कुछ महिलाओं के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है।
कोविड-19 के लक्षण जिन गर्भवती महिलाओं में पाए जाते हैं उन्हें गंभीर बीमारी होने का खतरा अधिक होता है और भ्रूण पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 वैक्सीन लगवाने की सलाह दी जाती है।
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: कोविड-19 वैक्सीन लगाने से गर्भवती महिला या उसके नवजात शिशु पर क्या दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं?
उपलब्ध कोविड-19 वैक्सिंग गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं और उन्हें कोविड-19 बीमारी से बचाते हैं।अन्य टिको की तरह कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के बाद हल्के दुष्प्रभाव हो सकते हैं जैसे कि हल्का बुखार इंजेक्शन लगने की जगह पर दर्द यह 1 से 3 दिन तक अस्वस्थ महसूस होना।भ्रूण और नवजात शिशु के लिए वैक्सीन के दीर्घकालिक प्रतिकूल प्रभाव और सुरक्षा अभी तक स्थापित नहीं हुई है।लगभग हर एक से 5 लाख गर्भवती महिलाओं में किसी एक महिला को कोविड-19 का वैक्सीन लगवाने के 20 दिन के भीतर कुछ लक्षण हो सकते हैं। इनमें से किसी भी लक्षण के होने पर तत्काल ध्यान देना अति आवश्यक है।
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सांस की तकलीफ, छाती में दर्द,उल्टी होना या लगातार पेट में दर्द होना
हाथ पैर में दर्द याद अब आने पर दर्द होना या वहां पैर में सूजन आना
इंजेक्शन लगाने की जगह से दूर त्वचा पर रक्त के छोटे या बड़े निशान होना
शरीर के किसी भी अंग में कमजोरि आना
तिच्या लगातार सिर दर्द उल्टी या माइग्रेन या पुराने सिर दर्द के इतिहास की अनुपस्थिति में बिना किसी स्पष्ट कारण के लगातार उल्टी होना धुंधला दिखाई देना ही आंखों में दर्द होना, हो सकता
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टीकाकरण के बाद गर्भवती महिलाओं को और किन सावधानियों की सलाह दी जानी चाहिए?
स्वयं को और अपने आसपास के लोगों को कोविड-19संक्रमण से बचाने के लिए आपको गर्भवती महिला और उसके परिवार के सदस्य को सलाह देनी चाहिए कि वह कोविड-19 उपयुक्त व्यवहारों का पालन करें जैसे
डबल मासक पहनना l
हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह और नियमित रूप से धोना
दो गज दूरी शारीरिक दूरी बनाए रखना और भीड़भाड़ वाली जगहों पर ना जाना
एक गर्भवती महिला को भी 19 टीकाकरण के लिए अपना पंजीकरण कैसे करा सकती है?
सभी गर्भवती महिलाओं को CO _WIN प्रोटोकॉल पर अपना पंजीकरण कराने की आवश्यकता है या वे स्वय कोविड-19 टीकाकरण केंद्र में जाकर अपना पंजीकरण करा सकती हैं।गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण की प्रक्रिया सामान्य आबादी के समान है जिसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दी गई नवीनतम दिशा निर्देशों के अनुसार किया जा सकता है।: गर्भवती महिलाओं का कोविड-19 संक्रमण नवजात शिशु को कैसे प्रभावित करता है?
अधिकांश (>95 प्रतिशत)कोविड-19 ग्रसित महिलाओं के नवजात शिशु जन्म के समय अच्छी स्थिति में होते हैं।
कभी-कभी गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 संक्रमण से संक्रमित माताओं में समय से पहले डिलीवरी होना ढाई किलो से कम का नवजात शिशु होने या जन्म से पहले नवजात शिशु की मृत्यु होने की संभावना बढ़ सकती है।
कोविड-19 संक्रमण के बाद किन महिलाओं को जटिलताएं विकसित होने का खतरा होता है?35 वर्ष से अधिक आयु की हो मोटापे से ग्रसित हो
मधुमेह उच्च रक्तचाप से ग्रसित हो जिनमें पहले से क्लॉटिंग की समस्या हो यदि किसी गर्भवती महिला को पहले से ही कोविड-19 हो चुका हो तो उसे कब वैक्सीन लगाना चाहिए?
यदि गर्भावस्था के दौरान कोई महिला कोविड-19 से संक्रमित हो चुकी है तो उसे प्रसव के तुरंत बाद वैक्सीन लगाना चाहिए।



