EXCLUSIVE : राजधानी की नामी धर्मशाला में रात को महिला की” नो एंट्री”
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष..

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सैकडों कार्यक्रम आयोजित होंगें लेकिन अभी भी कुछ ऐसी मानसिकता है जिसे अभी भी देखा जा सकता है। ऐसा ही एक मामला हिमाचल की राजधानी शिमला में देखने में आया है। जिसकी एक नामी धर्मशाला के नियम ऐसे हैं कि महिला को रात को ठहरने के लिए मनाही है।हालांकि इसमें अध्यक्ष उपाध्यक्ष अपनी शक्तियां इस्तेमाल कर सकता है कि किस महिला को रात को ठहराना है लेकिन सभा के नियम साफ यह है कि महिलाएं उक्त धर्मशाला में नहीं ठहर सकती है।
क्या कहती है समाजसेविका..

समाज सेविका विमला का कहना है कि यह बिल्कुल गलत नियम है जिसमें किसी धर्मशाला में महिला को रात को ठहरने के लिए मनाही की जाती है। कई बार ऐसा समय होता है जिसमें महिला को रात को ठहराना किसी क्षेत्र में मजबूरी से जरूरी हो जाता है । इस बारे में समाज सेविका का कहना है कि शिमला के सूद सभा में रात्रि के समय महिला ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां पर रात्रि के समय महिला ठहरने के लिए मनाही है। हालांकि किसी जान पहचान की महिला के लिए रात्रि के समय यह दरवाजे जरूर खोले जाते हैं लेकिन हैरानी है कि यदि कोई आम महिला मजबूरी से आती है और धर्मशाला में ठहरना चाहती है है तो उसे ठहरने नहीं दिया जाता है क्योंकि सभा का यह नियम ही नहीं है कि रात्रि के समय महिला को शिमला में सूद सभा धर्मशाला में ठहराया जा सके। इस नियम के संशोधन के बारे में सूद सभा को जरूर विचार करना चाहिए।
क्या कहते हैं सूद सभा के अध्यक्ष संजय सूद
सूद सभा की धर्मशाला में रात्रि के समय किसी भी महिला को नहीं ठहराए जाने का नियम काफी वर्षों पुराना है जिसे संशोधित नहीं किया गया है। हालांकि जरूरत पड़ने पर यदि महिला को ठहराना है तो यह शक्तियां अध्यक्ष उपाध्यक्ष को सौंपी गई है। लेकिन ऐसा कोई भी नियम नहीं है कि महिला को रात्रि के समय धर्मशाला में ठहरने की अनुमति दी जाए। कई बार धर्मशाला में महिला संबंधित कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिसके कारण भी संशोधन अभी तक नहीं हो पाया है लेकिन आगामीआम सभा की बैठक में संशोधन पर जरूर विचार किया जाएगा।


