प्रवक्ताओ से प्रधानाचार्य पद हेतु पद पदोन्नति कोटा 50% से 60% करने का मुद्दा गरमाया

हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ की एक बैठक उच्च शिक्षा निदेशक के साथ शिक्षा निदेशालय में हुई । इस बैठक में प्रवक्ताओ से प्रधानाचार्य पद हेतु पद पदोन्नति कोटा 50% से 60% करने बारे मुख्य रूप से चर्चा हुई। आज जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में संघ के अध्यक्ष केसर सिंह ठाकुर वरिष्ठ उपाध्यक्ष लोकेन्द्र नेगी ,महासचिव संजीव ठाकुर मुख्य सचिव प्रेम शर्मा जिला वैव सचिव देवेंदर ठाकुर , शिमला अध्यक्ष अजय नेगी, बिलासपुर के प्रधान नरेश ठाकुर ने बताया कि बैठक में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा 23 नवंबर 2018 को संघ के पालमपुर अधिवेशन में की गई घोषणा के अनुरूप पदोन्नति कोटे को लेकर चर्चा की गई ! उल्लेखनीय है कि 23 नवंबर 2018 को संघ का एक अधिवेशन पालमपुर में हुआ था इस अधिवेशन में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा प्रवक्ता संघ की विभिन्न मांगों को को पूरा करने की घोषणा की गई थी जिनमें मुख्य रुप से प्रवक्ता पद नाम बहाल करना प्रवक्ताओं का पदोन्नति कोटा 50 से 60% करना प्रवक्ताओं , परीक्षा परिणामों को लेकर प्रवक्ताओं की रोकी गई इंक्रीमेंट को बहाल करना। वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में उप प्रधानाचार्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में वरिष्ठ प्रवक्ताओं को उप प्रधानाचार्य के पद से सुशोभित करना शामिल था ! मुख्यमंत्री द्वारा की गई इन घोषणाओं के अनुरूप सरकार द्वारा प्रवक्ता पदनाम को बहाल कर लिया गया है उप प्रधानाचार्य के पद से वरिष्ठ प्रवक्ताओं को सुशोभित किया गया है ।प्रवक्ताओं की रोकी गई इंक्रीमेंट में इंक्रीमेंट को बहाल कर लिया गया है परंतु मुख्य मांग जो की प्रवक्ता प्रवक्ताओं पदोन्नति कोटा को 50% से 60% करने वाली थी उस पर अभी तक अमल नहीं किया गया है इसी विषय पर आज यह बैठक आयोजित की गई थी संघ ने इस बैठक में अपना पक्ष मजबूती के साथ प्रस्तुत किया इस बैठक में प्रवक्ता संघ की ओर से प्रदेशाध्यक्ष के सिंह ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष लोकेंद्र नेगी, संजीव ठाकुर मुख्य प्रेस सचिव प्रेम शर्मा , शिमला के प्रधान अजय नेगी, जिला बिलासपुर के प्रधान नरेश ठाकुर जिला हमीरपुर के प्रधान अनिल शर्मा ने भाग लिया ! संघ के अध्यक्ष केसर सिंह ठाकुर ने बताया कि संघ ने शिक्षा निदेशक के समक्ष मजबूती के साथ अपना पक्ष प्रस्तुत कीया !संघ के पदाधिकारियों ने बताया की प्रवक्ताओ को पहले ही अपनी संख्या के अनुपात से बहुत कम पदोन्नति कोटा प्राप्त हो रहा है संघ ने शिक्षा निदेशक के समुख तर्क दिया की आर .एड पी .रूल्ज के तहत प्रधानाचार्य पदोन्नति के लिये दो फीडिंग केडर है प्रवक्ता और मुख्याध्यापक वर्तमान में प्रवक्ताओ कि सख्या 18000 भी ऊपर हे और मुख्यध्यापको की सख्या लगभग 800 है। न्यूमेरिकल संख्या के आधार पर प्रधानाचार्य के 95 % पद प्रवक्ताओं से और 5 % पद मुख्याध्यापकों से भरे जाने चाहिए। 1986 में जब नयी शिक्षा नीति के तहत माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की गई थी तो ये अनुपात 60 :40 का था ( 60 % मुख्याध्यापक ,40 % प्रवक्ता ) . उस समय प्रदेश में मात्र 236 प्रवक्ता काम कर रहे थे जबकि मुख्यधयापको की संख्या 1459 थी। यह तय किया गया था की प्रवक्ताओं की संख्या में जैसे जैसे इज़ाफ़ा होगा वैसे वैसे प्रधानाचार्य पदों हेतु कोटे का पुनः निर्धारण संख्या आधार पर किया जाता रहेगा।
वर्ष 2007 प्रवक्ताओं की संख्या 12 ,000 पहुंच गई और मुख्याध्यापकों की संख्या 1100 के लगभग थी परन्तु पदोन्नति का कोटा पुनः निर्धारित नहीं हो पाया। 2008 में बहुत लंबे संघर्ष और जिदोंजहद के बाद पदोन्नति कोटा 50 : 50 किया गया! संघ के अध्यक्ष केसर सिंह ठाकुर ने बताया कि कुछ संघ समाचर पत्रों के माध्यम से मामले को उलझाने का प्रयास कर रहे है वो फीडिंग कैडर टी .जी टी को बता रहे है जो तथ्य से परे है केसर सिंह ठाकुर नेबताया कि बताया की तर्क की दृष्टि से देखा जाए तो जे बी टी शिक्षकों के बाद अगर सबसे जयादा पदोन्नति के अवसर टी जी टी को प्राप्त है वर्तमान में टी जी टी कीसंख्या लगभग 19 ,887 है और उनके पास पदोन्नति के लिए 9000 पद प्रवक्ताओं के , 800 पद मुख्याध्यापकों के , लगभग 739 पद प्रधानाचार्यों के और 15 पद जिला शिक्षा निर्देशक और इसके समकक्ष हैं। 20 ,000 संख्या कैडर के पास लगभग 12 ,००० पद पदोन्नति के लिए है. दूसरी तरफ लगभग 18 ,000 पदों पर आसीन प्रवक्ताओं के पास मात्र 739 पद प्रधानाचार्यों के और 15 पद जिला शिक्षा अधिकारी और इसके सम कक्ष हैं मतलब कुल मिला के मात्र 750 पद। 20000 लोगों के लिए 12000 पदों पर पदोन्नति और 19000 लोगों के लिए मात्र 750 पद पर पदोन्नति को तर्कसंगत और न्याय संगत नहीं ठहरा जा सकता। अ:त संघ माँग करता हैं कीं प्रवक्ताओ को का पदोन्नति कोटा माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार 50 प्रतिशत से 60 प्रतिशत किया जाये !



