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हिमाचल सरकार के तीन वर्ष — डेटा आधारित रिपोर्ट कार्ड: कहाँ मिली सफलता और कहाँ फँसा सरकारी मॉडल?

“शिक्षा में सुधार, स्वास्थ्य में निवेश… पर बेरोज़गारी ने बढ़ाई चिंता”

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असर मीडिया हाउस │ विशेष रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मोर्चे पर सरकार के कामकाज की डेटा-आधारित समीक्षा एक मिश्रित तस्वीर पेश करती है।
एक ओर शिक्षा क्षेत्र में सुधार और स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश से हिमाचल अपनी पुरानी मजबूती को और मजबूत करता दिखता है, वहीं दूसरी ओर युवा बेरोज़गारी का रिकॉर्ड स्तर सरकार की नीति पर सबसे बड़ा सवाल खड़ा करता है।

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🎓 शिक्षा — सर्वाधिक प्रगति वाला क्षेत्र

Performance Grading Index में +41 अंकों की छलांग
पिछले तीन वर्षों में हिमाचल के स्कूल शिक्षा की स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार दर्ज हुआ है।
PGI के आंकड़े बताते हैं कि 2022-23 से 2023-24 के बीच राज्य ने 41 अंकों की बड़ी बढ़त हासिल की और देश के बेहतर प्रदर्शन वाले राज्यों में शामिल हुआ।

18.5% बजट शिक्षा पर
राज्य ने अपने कुल व्यय की 18.5% राशि शिक्षा क्षेत्र में रखी है—जो राष्ट्रीय औसत (≈14.7%) से कहीं अधिक है।
साक्षरता लगभग 99.3% के आसपास पहुँच चुकी है, जो हिमाचल की पहचान भी बन चुकी है।

निष्कर्ष — शिक्षा पिछले तीन वर्षों में सरकार की नीतियों का सबसे मजबूत आधार बनी।


🏥 स्वास्थ्य — निवेश और सुधार, पर पोषण अब भी चुनौती

स्वास्थ्य पर पिछले वर्षों में 6–7% बजट व्यय किया गया, जो अन्य राज्यों की तुलना में थोड़ा ऊपर है।
सरकार ने मेडिकल शिक्षा, रोबोटिक सर्जरी, डॉक्टर प्रोत्साहन, मॉडर्न लैब्स आदि में निवेश की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

लेकिन कुपोषण और एनीमिया का डेटा अब भी सुधार की मांग करता है —
30% से अधिक बच्चे अब भी स्टंटिंग और अंडर-वेट श्रेणी में दर्ज किए गए।

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निष्कर्ष — बड़े अस्पताल और मेडिकल कॉलेज बेहतर हुए, पर पोषण और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ अभी और प्रयास चाहती हैं।


🚨 बेरोज़गारी — सरकार के लिए सबसे बड़ी चेतावनी

PLFS की ताज़ा रिपोर्ट बताती है:

  • युवा बेरोज़गारी: 19% से बढ़कर 33.9%

  • यह दर देश में सबसे अधिक मानी गई

  • महिला युवा बेरोज़गारी: 41%, शहरी क्षेत्रों में लगभग 49% के करीब

यानी हिमाचल के युवाओं—विशेषकर महिलाओं— को पर्याप्त रोजगार अवसर नहीं मिल पा रहे हैं।

निष्कर्ष — शिक्षा में सुधार और स्वास्थ्य में निवेश, रोजगार के परिणाम में तब्दील नहीं हो पाए।


📌 समग्र निष्कर्ष

क्षेत्र स्थिति
शिक्षा उल्लेखनीय सुधार / बजट प्राथमिकता
स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत पर पोषण चिंताजनक
रोजगार स्थिति खराब, महिला-युवा वर्ग सबसे प्रभावित

तीन वर्षों का निष्कर्ष — “अगर शिक्षा और स्वास्थ्य सफलता हैं, तो बेरोज़गारी इस मॉडल की सबसे बड़ी कमजोरी है।”

Deepika Sharma

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