थुन्दल टीम ने अर्जुन ट्रॉफी ठोडा प्रतियोगिता में किया कब्ज़ा
महाभारत काल से जुड़ा यह पारंपरिक खेल आज भी हिमाचल की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक

चौपाल, 8 नवम्बर: चौपाल में 6 और 7 नवम्बर को आयोजित अर्जुन ट्रॉफी ठोडा प्रतियोगिता में कुल 17 टीमों ने भाग लिया, जिनमें पाशी दल की 15 और शाठी दल की 2 टीमें शामिल थीं। दो दिनों तक चले रोमांचक मुकाबलों में शाठी ठोडा दल थुन्दल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी टीमों को पराजित कर प्रतियोगिता का खिताब अपने नाम किया।

टीम के परीक्षित जाल्टा को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बेस्ट डिफेंडर का सम्मान प्रदान किया गया। इस अवसर पर भंडारी ठाकुर शेर सिंह, ठोडा पार्टी के प्रधान संदीप कुमार, और टीम मैनेजर सतीश ठाकुर ने खिलाड़ियों की सराहना करते हुए कहा कि सभी खिलाड़ियों ने पूरे जोश और समर्पण के साथ हर मैच खेला, जिसके परिणामस्वरूप थुन्दल टीम विजेता बनी।
(5) प्रतियोगिता के दौरान चौपाल में उत्सव जैसा माहौल रहा। स्थानीय लोगों, युवाओं और महिलाओं ने बड़ी संख्या में मैदान में पहुँचकर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया। पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन पर दर्शकों ने ठोडा खेल का आनंद लिया और पूरे आयोजन को एक सांस्कृतिक पर्व का रूप दिया।
(6) जीत के बाद सभी खिलाड़ियों ने कुल देवी ठौड माता थुन्दल का आशीर्वाद प्राप्त किया और स्थानीय लोगों ने विजेता टीम का गर्मजोशी से स्वागत किया। चौपाल क्षेत्र के समाजसेवियों, पंचायत प्रतिनिधियों और खेल प्रेमियों ने भी टीम को बधाई दी। आयोजन समिति ने चौपाल में ऐसे पारंपरिक आयोजनों को नियमित रूप से करवाने का निर्णय लिया, ताकि ठोडा खेल अपनी सांस्कृतिक पहचान को और मज़बूती दे सके।
गौरतलब है कि ठोडा खेल की परंपरा महाभारत काल से चली आ रही है, जहाँ कौरव शाठी दल और पांडव पाशी दल के रूप में जाने जाते हैं। यह खेल आज भी हिमाचल की वीरता, भाईचारे और संस्कृति का प्रतीक बना हुआ है।
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